हिडन चार्ज और लेट पेमेंट फीस :
बाय नाउ पे लेटर स्कीम में कई तरह के हिडन चार्ज और लेट पेमेंट फीस जुड़ी होती है। कई बार ग्राहक इन चार्ज पर ध्यान दिए बिना ही स्कीम का उपयोग कर लेते हैं, जिसके बाद उन्हें अच्छी खासी कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसे में हमेशा बाय नाउ पे लेटर स्कीम का इस्तेमाल करने से पहले उसके नियम, शर्ते और चार्ज के बारे में जरूर जान लें।
बिलिंग साइकल :
क्रेडिट कार्ड के विपरीत ग्राहक बाय नाउ पे लेटर स्कीम के लिए बिलिंग साइकल तय नहीं कर सकते हैं। इसके लिए पहले से ही निश्चित फिक्स्ड रि-पेमेंट शेड्यूल होता है। ऐसे में आपको रि-पेमेंट करने के दौरान आपको परेशानी हो सकती है। यही कारण है कि ज्यादातर ग्राहक रि-पेमेंट के दौरान कई ईएमआई मिस कर देते हैं।
बाय नाउ पे लेटर से बढ़ता है खर्चा :
सी + आर रिसर्च के एक सर्वेक्षण के अनुसार, महामारी के दौरान बाय नाउ पे लेटर स्कीम का इस्तेमाल करके ऑनलाइन खरीदारी करने वाले ग्राहकों में से 59 प्रतिशत ग्राहकों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने बीएनपीएल के तहत बेकार के प्रोडक्ट्स खरीदे हैं। इस ही तरह अमेरिका स्थित द स्ट्रॉहेकर ग्रुप द्वारा 1,500 से अधिक लोगों पर किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 39 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बीएनपीएल का इस्तेमाल किया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस सेवा से लोगों का खर्चा बढ़ा है। अगर आप भी इस सेवा के तहत कुछ खरीदने की सोच रहे हैं तो उससे पहले ये जरूर सोचें कि क्या जो आप खरीद रहे हैं वो आपके काम है या नहीं। क्या उसकी जरूरत है या नहीं। यदि हां तो तभी खरीदें।
बजट :
ओवरस्पेंडिंग के अलावा बाय नाउ पे लेटर का इस्तेमाल न करने का एक और कारण यह है कि यह घर का बजट बिगाड़ देता है। जब आप बाय नाउ पे लेटर का इस्तेमाल करते हैं तो इससे अपने खर्चे को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा आपके ऊपर EMI का बोझ भी बढ़ने लगता है।