कपिल देव ने ICC से लगाई गुहार कहा बचा लो टेस्ट और वनडे क्रिकेट
आसान शब्दो में समझें पूरा मामलाबता दें कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को भंग कर दिया था और खेल को चलाने के लिए भारतीय फुटबॉल संघ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए 3 सदस्यी प्रशासकों की नियुक्ति की थी। इसके अलावा एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को 18 मई को उनके पद से हटा दिया गया था।
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इसके लिए फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को पहले ही चेतावनी दी थी लेकिन अभी तक ना तो चुनाव हो सके और AIFF के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को भी उनके पद से हटा दिया गया। प्रफुल पटेल को पद से हटाने के बाद निर्वाचित तीन सदस्य प्रशासक समिति को सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के लिए अंतरिम निकाय बनाने की घोषणा की। इसके बाद इस समिति ने अपने हिसाब से चुनाव कराने का फैसला लिया और कुछ पूर्व खिलाड़ियों से अपने पक्ष में वोट कराने की मांग की, इसी को फीफा ने थर्ड पार्टी हस्तक्षेप माना है जिसके कारण एआईएफएफ को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।जब तक अखिल भारतीय महासंघ में नए तरीके से चुनाव नहीं हो जाते और चुनी गई समिति भारतीय फुटबॉल महासंघ के संविधान के अनुसार काम करना न शुरू करदे तब तक। साथ ही इसके बाद राजनीतिक और कानूनी हस्तक्षेप के यह समिति मुक्त होने चाहिए। इसके बाद ही फीफा पुरानी स्थिति बहाल करने पर विचार कर सकता है। बता दें फीफा के इस फैसले के बाद भारतीय महिला और पुरुष टीम के खिलाड़ी ना तो किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा ले पाएंगे और ना ही किसी अन्य लीग में खेल पाएंगे।