बिहार निवासी जाफर अली विगत छह माह से मेडिकल कॉलेज निर्माण में कार्य कर रहे हैं। ठेकेदार ने तभी से उन्हें मजदूरी नहीं दी। दो दिन पहले उनकी 15 वर्षीय बेटी फरहाना की अचानक तबियत खराब हो गई। वह अपनी बेटी को जिला अस्पताल ले गए जहां से उसे रेफर कर दिया गया। लाचार पिता बेटी को लेकर प्राइवेट अस्पताल पहुंचा। वहां से भी उसे रेफर कर दिया गया। बीमार बेटी को लेकर लाचार पिता टूंडला के एफएच मेडिकल कॉलेज पहुंचा। जहां डॉक्टरों ने उससे दो लाख रुपए की मांग कर दी।
बेटी की हालत देखकर माता—पिता के आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं। पिता का कहना है कि वह मेहनत मजदूरी कर रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें ठेकेदार द्वारा पैसा नहीं दिया जा रहा है। वह बीमार बेटी को कहां लेकर जाएं। उसकी दशा देखकर मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे अन्य मजदूर भी वहां आ गए और हंगामा शुरू कर दिया। मजदूरों ने निर्माण कार्य रोक दिया। हंगामा होने की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने बीमार बालिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। पिता की बेबसी और लाचारी देखकर हर किसी की आंख नम हो गई।