समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव से जब प्रत्याशी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि सिटिंग सीट पर कैसा प्रत्याशी। सिटिंग सीट का मतलब है पुराने प्रत्याशी को ही आने वालेेे चुनाव में रिवर्स किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय महासचिव के पुत्र अक्षय यादव नेे क्षेत्र में जाना शुरू कर दिया है।
समाजवादी पार्टी के वर्तमान सांसद अक्षय यादव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र हैं। यह 2014 में फिरोजाबाद में लोकसभा का चुनाव लड़ने आए थे। उसके बाद इन्हें भारी मतों से जीत मिली थी। इस बार भी सपा इन्हीं पर दाब लगा रही है। अक्षय ने अभी से गांव में निकलना शुरू कर दिया है। वह गांव और घर—घर जाकर मतदाताओं को लुभाने में जुट गए हैं।
वर्ष 2014 के बाद से लेकर अब तक समाजवादी पार्टी में काफी बदलाव हुआ है। पार्टी के दिग्गज नेता कहे जाने वाले हरीओम यादव ने पार्टी छोड़ दी। इनके साथ ही जसराना विधायक रामवीर यादव भी अलग हो गए। इनके अलावा अन्य सपा नेता भी पार्टी से टूटककर बिखर गए। पार्टी से अलग होने का खामियाजा आगामी लोकसभा चुनाव में सपा को भुगतना पड़ सकता है। शायद इसलिए समाजवादी पार्टी गठबंधन के आधार पर चुनाव लड़ने जा रही है।