यह भी पढ़ें— Murder in Firozabad: बाल रोग विशेषज्ञ की मां और छोटे भाई की बहू की घर में घुसकर नृशंस हत्या, देखें वीडियो मुख्य अतिथि चेयरमैन रामबहादुर चक ने दीप प्रज्ज्वलित कर कहा कि भाई-बहन के बीच के इस त्यौहार की पुरानी परंपरा है लेकिन हर भाई और हर बहन को चाहिए कि वह अपने अंदर व्याप्त कुरीतियों का त्याग करे। इस रक्षाबंधन प्रत्येक भाई को अपनी बहन को उपहार में यही देना चाहिए। माउंटआबू से आईं निधि बहन ने कहा कि बदलते परिवेश में रिश्तों के मायने भी बदल गए हैं। भाई और बहन के बीच की दूरियों को मिटाकर एक बार फिर इस पवित्र त्यौहार को मनाना चाहिए।
सेवाकेन्द्र प्रभारी विजय बहन ने कहा कि रक्षाबंधन भगवान के प्रेम में हमें बांधता है कि एक पवित्र धागा है। सब शरीर के बंधन और भौतिक दुनियां से हमें मुक्त, सुरक्षा और संरक्षण की भावनाओं से जोड़ने का काम करता है। आध्यात्मिकता को लेकर उन्होंने कहा कि माथे पर तिलक करना विजयी होने का संकेत हैं। वहीं कलाई में बांधा गया रक्षासूत्र नकारात्मकता को दूर करने का काम करता है। भाईचारे की यह असीमित दृष्टि जाति की सभी बाधाओं को तोड़, पंथ, उम्र, अज्ञात, धर्म, सामाजिक – आर्थिक स्थिति, संस्कार (व्यक्तित्व लक्षण) से जीना सिखाता है। इस मौके पर राधिका बहन, तनु बहन, ममता बहन, रेनू बहन, शीला बहन आदि मौजूद रहे।