मेडिकल कॉलेज में अगस्त की शुरूआत में हवन पूजन के साथ कक्षाएं शुरू की गई थीं। अभी तक एक महीने का फाउंडेशन कोर्स कराया जा रहा है। इसमें सुबह जहां योग की कक्षाएं संचालित होती हैं तो उसके बाद मेडिकल संबंधी चीजों को फाउंडेशन कोर्स में बताया जा रहा है। सबसे बड़ी समस्या मेडिकल छात्रों को उस समय आती है जब जिस बिल्डिंग में वे पढ़ने के लिए सुबह प्रवेश करते हैं उसके मैन गेट से लेकर चारों ओर परिसर में, कक्षों के आसपास मजदूर काम करते दिखाई देते हैं। शोरगुल के बीच उनको कक्षों में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
दो सितम्बर से मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं विधिवत शुरू की जाएंगी। मेडिकल संबंधी कोर्स शुरू हो जाएंगे। छात्रों को रेगुलर कक्षाएं लेने के लिए कहा गया है। भले ही मेडिकल कॉलेज में अभी पूरी तरह से व्यवस्थाएं नहीं हैं लेकिन कॉलेज में 100 सीटों पर सभी छात्रों का दाखिला हो चुका है। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों समेत करीब 56 पदों पर स्टाफ आ चुका है। एमसीआई के सारे मानक पूरा करने का दावा भी कॉलेज प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। छात्रों और स्टाफ के लिए बनाए जा रहे दो मैस में से एक मैस को आनन फानन में चालू कराया गया है। अभी तक दूसरे मैस को पूरा किया जा रहा है। परिसर में बारिश के बीच कीचड़ हो जाता है। मैस में खाना भी प्रतिदिन के हिसाब से मैन्यु के हिसाब से बदला जाता है।
लैब में काम के चलते सारा सामान अभी बंद है। पैकेटों को खोलने व सामान को व्यवस्थित करने की तैयारी चल रही है जबकि सोमवार से विधिवत कक्षाएं शुरू होने का कॉलेज प्रशासन दावा भी कर रहा है। म्यूजियम में शरीर के हिस्सों को रखने के लिए तैयारी चल रही है। बिल्डिंग में काम चलने से कभी तराई करने के लिए मजदूर पानी छिड़काव करने लगते हैं तो वहीं चिनाई का काम होने से बालू गिरती रहती है। इन सबके बीच से होकर छात्रों को प्रतिदिन निकलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।