CSR आपराधिक मुकदमा नहीं
उद्योग जगत की चिंता को दूर करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व ( CSR ) के उल्लंघन पर अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब सीएसआर नियमों का उल्लंघन दीवानी मामला होगा। सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनी कानून के तहत सीएसआर की इससे संबंधित धारा की समीक्षा करेगा।
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2013 में जताई थी चिंता
उद्योग जगत ने संशोधित कंपनी कानून, 2013 में सीएसआर के उल्लंघन पर दंडात्मक प्रावधानों को लेकर चिंता जताई थी। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उपायों पर मीडिया से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार संपत्ति का सृजन करने वालों का सम्मान करती है। सीतारमण के पास कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार है।
अब चलेगी दीवानी प्रक्रिया
उन्होंने कहा कि सीएसआर उल्लंघन पर अब आपराधिक नहीं दीवानी प्रक्रिया के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। सरकार ने संशोधित आदेश के जरिये कंपनियों को अपनी सीएसआर प्रतिबद्धताओं के तहत मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए और समय दे दिया है। इस कानून के तहत मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के एक वर्ग को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो फीसदी सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है।
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स्टार्टअप्स के लिए भी किए एलान
इसके अलावा स्टार्टअप्स को राहत देते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स और उनके निवेशकों पर लागू ‘एंजेल टैक्स’ का प्रावधान वापस लिया जाता है। हालांकि इसमें राहत देने के कुछ कदमों की घोषणा सरकार ने पहले भी की थी, लेकिन स्टार्टअप्स इससे संतुष्ट नहीं थे और कर दायित्वों से पूरी तरह छूट की मांग कर रहे थे।
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