बजट में सरकार ने की थी घोषणा
मोदी सरकार ने बजट में यह प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्य के लिए सिर्फ बायोमीट्रिक पहचान पत्र ही पर्याप्त है। सरकार की यह नई व्यवस्था दोनो डेटाबेस (आधार और पैन) को जोड़ने के लिए की गई है।
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सीबीडीटी के अध्यक्ष ने दी जानकारी
सीबीडीटी ( CBDT ) के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि पैन ( स्थायी खाता संख्या ) की उपयोगिता निश्चित तौर पर खत्म नहीं हुई है। हालिया बजट में दोनों डेटाबेस (पैन और आधार) को एक-दूसरे की जगह इस्तेमाल करने के लिए एक जैसा बताया जाना एक अतिरिक्त सुविधा है। यह उन्हें जोड़े जाने को सुनिश्चित करेगा, जो कि अब कानून के तहत अनिवार्य है।
मीडिया को दिए इंटरव्यू से मिली जानकारी
मीडिया को दिए हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे मामलों में जहां आधार का संदर्भ दिया जा रहा है और वहां पैन का उल्लेख नहीं है, वहां हम आयकर रिटर्न जमा करने वालों को पैन आवंटित करने की संभावना के बारे में सोच सकते हैं। दरअसल, सीबीडीटी प्रमुख से पूछा गया था कि क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में किए गए प्रावधान के बाद आयकर (आईटी) विभाग द्वारा जारी पैन की उपयोगिता नहीं रह जाएगी।
सीबीडीटी प्रमुख ने दिया बयान
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘कानून में प्रावधान है कि आकलन अधिकारी स्वत: ही पैन भी आवंटित कर सकते है। इसलिए, यदि बिना पैन के आधार का इस्तेमाल किया जाता है तो मैं उन्हें पैन जारी करूंगा और वे आपस में जुड़ जाएंगे।’ सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि दोनों डेटाबेस को जोड़ना अब जरूरी है और कानून में भी इसका प्रावधान है।
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