फोब्र्स की लिस्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 8,1336.46 टन स्वर्ण भंडार अमरीका के पास है। जर्मनी और इटली क्रमश: दूसरे, तीसरे नंबर पर हैं। स्वर्ण भंडार किसी देश की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशेष रूप से वित्तीय अनिश्चितताओं के समय यह भंडार किसी देश की आर्थिक दशा दर्शाता है। फोब्र्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोना मूर्त संपत्ति होने के कारण देशों को अपने ओवरऑल पोर्टफोलियो में विविधता लाने में सक्षम बनाता है। यह विविधता अन्य एसेट्स के मूल्य में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद करती है।इंटरनेशनल ट्रेड और फाइनेंस के लिए अहम
जब डॉलर का मूल्य घटता है तो सोने की कीमत बढ़ती है। सोने का भंडार इंटरनेशनल ट्रेड और फाइनेंस में भी अहम भूमिका निभाता है। कुछ देश व्यापार असंतुलन को निपटाने या लोन के लिए सोने का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा सोना संकट के दौरान बचाव का काम करता है। इसका मूल्य अक्सर आर्थिक मंदी या भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच बढ़ता है।
स्वर्ण भंडार वाले टॉप 10 देश 1. अमेरिका : 8,1336.46 2. जर्मनी : 3,352.65 3. इटली : 2,451.84 4. फ्रांस : 2,436.88 5. रूस : 2,332.74 6. चीन : 2,191.53
7. स्विट्जरलैंड : 1,040.00 8. जापान : 845.97 9. भारत : 800.78 10. नीदरलैंड : 612.45 (आंकड़े टन में) कुवैती दीनार सबसे मजबूत करेंसी फोब्र्स ने दुनिया की करेंसी की रैंकिंग भी जारी की है। इसमें कुवैती दीनार शीर्ष पर है। एक कुवैती दीनार 270.23 रुपए या 3.25 डॉलर के बराबर है। दूसरे नंबर पर बहरीन का दीनार है, जो 220.4 रुपए या 2.65 डॉलर के बराबर है। अमरीकी डॉलर रैंकिंग में 10वें, जबकि भारतीय रुपया 15वें स्थान पर है।