यह भी पढ़ेंः- गिरावट के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 44 अंक कमजोर, निफ्टी 15 अंक फिसला
प्रस्तावों के नफा नुकसान पर हो रहा है विचार
जानकारी के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर निर्णय से पहले सभी प्रस्तावों के बारे में, उनके नफा-नुकसान के बारे में विचार कर रही है। साथ ही इस बारे में भी विचार किया जा रहा है कि उन प्रस्तावों और रियायतों की कॉस्ट कितनी होगी। यह सब एक फरवरी से करीब एक महीने पहले तक तय कर लिया जाएगा। ताकि सर्वोच्च राजनीतिक हलकों को निर्णय लेने में पर्याप्त समय मिल सके। ताकि इस बात की तह तक पहुंच सके कि किस निर्णय से देश की इकोनॉमी को कितना फायदा होगा।
यह भी पढ़ेंः- ‘नन्हें भविष्य’ के लिए झुका पाकिस्तान, भारत से आयात करेगा पोलियो मार्कर
इनकम टैक्स घटाने के विकल्पों पर भी विचार
सरकार इनकम टैक्स घटाने के दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रही है। मिनिस्ट्री इस बारे में भी विचार कर रही है कि पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के जरिए सीधे हाथों में ज्यादा से ज्यादा रुपया दिया जाए। वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने पर भी विचार किया जाए। अधिकारियों का कहना हे कि इनकम टैक्स में राहत से सिर्फ 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा। वहीं इस बात को भी देखा जा रहा है कि इससे कंजम्पशन बढ़ेगा या नहीं। वहीं इससे कितना फायदा होगा और सरकारी बोझ कितना बढ़ेगा।
यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today : 18 दिन के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में एक साथ इजाफा
स्लैब्स बदलने की तैयारी
डायरेक्ट टैक्स का रिव्यू करने के लिए बनी कमिटी के अनुसार 10 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी वालों के लिए 10 फीसदी पर्सनल इनकम टैक्स रेट रखने की सलाह दी थी। 10 लाख से 20 लाख रुपए तक सालाना इनकम वालों पर 20 फीसदी, 20 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक सालाना इनकम वालों पर 30 फीसदी और 2 करोड़ रुपए से ज्यादा सैलरी वालों पर 35 फीसदी टैक्स रेट करने की सिफारिश की है। वहीं इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट में बदलाव ना करने की सलाह दी है। वहीं अपर लिमिट पर इनकम पर लगने वाला सरचार्ज और सेस खत्म करने की भी सिफारिश की है।