एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, निर्यात ऋण का बढ़ेगा दायरा…1 खरब डॉलर पहुंचेगा निर्यात
पब्लिक शेयरहोल्डर्स की होगी 100% हिस्सेदारी
एचडीएफसी बैंक ने पिछले साल एचडीएफसी लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की थी। ये डील करीब 40 अरब डॉलर की है। प्रस्तावित इकाई का संयुक्त परिसंपत्ति आधार करीब 18 लाख करोड़ रुपए होगा। इसके बाद एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों की होगी और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। एचडीएफसी लिमिटेड के हर एक शेयरधारक को उनके प्रत्येक 25 शेयर के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के मर्जर से बनने वाली ईकाई की बैलेंस शीट भी बड़ी होगी, जिससे बाजार में उसकी हैसियत और अधिक बढ़ जाएगी। यह मर्जर एचडीएफसी लिमिटेड के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इसका बिजनेस कम प्रॉफिटेबल है। वहीं, एचडीएफसी बैंक का इससे लोन पोर्टफोलियो मजबूत होगा।
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13 जुलाई से स्टॉक होंगे डिलिस्टिंग
एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बोर्ड मर्जर को मंजूरी देने के लिए शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद बैठक करेंगे। एचडीएफसी स्टॉक डीलिस्टिंग 13 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि 13 जुलाई को ग्रुप की हाउसिंग फाइनेंस फर्म के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे।