तीन महीने का देना होता है नोटिस आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में सुभाष चंद्र गर्ग ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। सरकार के नियमों के अनुसार, अब उन्हें आगामी तीन महीने तक का नोटिस पीरियड देना होगा और अगर वह नोटिस नहीं देते हैं तो उनको वीआरएस का आवेदन स्वीकार होने तक अपनी सर्विस देनी होगी।
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तबादले से नाखुश थे गर्ग
इसके साथ ही लोगों का मानना है कि सुभाष अपने तबादले से नाखुश थे, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही खबर आ रही थी कि अपने तबादले के कारण उन्होंने सरकार से समय से पहले रिटायरमेंट भी मांगा है। बता दें कि मोदी सरकार के विभागों में बड़े स्तर पर फेरबदल की है, जिसमें गर्ग का भी नाम शामिल था।
गर्ग को तबादला लगा डिमोशन
बुधवार को कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, गर्ग की जगह पर अतनु चक्रवर्ती को नया वित्त सचिव नियुक्त किया गया था। वहीं, अजय कुमार भल्ला की जगह सुभाष चंद्र गर्ग को ऊर्जा सचिव का कार्यभार सौंपा गया है। वित्त मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय से ऊर्जा मंत्रालय में तबादले को गर्ग के लिए डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि वित्त सचिव का पद नौकरशाही में काफी सम्मानजनक माना जाता है।
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2020 में होते रिटायर
फिलहाल अभी तक ये पता नहीं चला है कि गर्ग ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए आवेदन कब दिया है। इसके साथ ही सरकार ने उस आवेदन पर क्या रिएक्शन दिया इसके बारे में भी किसी को कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि अक्टूबर 2020 में 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद गर्ग सेवानिवृत्त होते। गर्ग राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इसके साथ ही गर्ग 2014 में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आए थे।
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