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इस पर मिलेगी छूट
– कार में ईंधन और मेंटिनेंस पर होने वाले सालाना खर्च पर भी इनकम टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।
– आपकी कार का इस्तेमाल कारोबारी गतिविधियों में होना जरूरी।
– टैक्सेबल इनकम को वेतनभोगी वर्ग की आमदनी के मुकाबले 10 से 15 फीसदी तक कम कर सकते हैं।
– छोटे से छोटे कारोबार में ऐसे बहुत से खर्च होते हैं, जिसे टैक्स बचाने के लिए क्लेम किया जा सकता है।
– इस छूट को बिजनेस एक्सपेंस के तौर पर क्लेम किया जा सकता है।
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इतनी राशि तक मिलती है छूट
– कारोबारी खर्च के तौर पर ऑफिस का किराया, टेलीफोन, इंटरनेट और यात्रा संबंधी खर्चों को शामिल किया जा सकता है।
– करदाता कारोबार में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर, फर्नीचर की कीमत में होने वाली कमी पर भी टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
– कारोबारी गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाली कार के ईंधन पर होने वाले सालाना खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।
– साथ ही ऐसी कार की कीमत में हर साल होने वाली कमी पर भी टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है।
– फ्यूल पर निश्चित राशि तक ही छूट मिलती है, जबकि डेप्रिसिएशन कॉस्ट भी कार के मूल्य की 15-20 फीसदी ही होती है।
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इन बातों का ख्याल रखना जरूरी
– इनकम टैक्स में छूट का दावा करने के लिए इन सभी चीजों का बिल देना होगा।
– इन सभी चीजों पर इनकम टैक्स छूट का दावा करने से पहले इन्हें आईटीआर भरते समय कारोबार की लागत की तौर पर दिखाना होगा।
– प्रत्येक चीज का पक्का दस्तावेज होना जरूरी है।
– अगर किसी को कारोबार में घाटा हो जाए तो वह निश्चित अवधि तक उस नुकसान को कैरी फॉरवर्ड कर सकता है।
– साथ ही उसी हिसाब से कैपिटल गेन को समायोजित कर टैक्स में छूट का फायदा ले सकता है।
– अगर कारोबारी ने कर्मचारी भी रखे हुए हैं तो कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन पर टैक्स छूट का प्रावधान है।
– कोई भी दावा फर्जी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।