वहीं कोरोना वायरस महामारी के कारण बदहाल इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़े निवेश के ऐलान किए गए हैं। आपको बता दें कि अगले वित्त वर्ष के लिए खर्च 34.83 लाख करोड़ रुपए आंका गया है, जिसमें पूंजीगत व्यय 5.54 लाख करोड़ रुपए शामिल है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 21 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 फीसदी आंका गया था और वित्त वर्ष 22 में घटकर 6.8 फीसदी पर आ जाएगा।
हेल्थ पर रखा ध्यान
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2,32,846 करोड़ रुपए का स्वास्थ्य बजट रखा गया है। 35 हजार करोड़ कोविड वैक्सीन के लिए आवंटित की गई हैं। जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। पूरे हेल्थ बजट मेंं पिछले साल के मुकाबले 137 फीसदी का इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने इस योजना के लिए अगले छह सालों के लिए 64,180 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया। यह बजट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अलग होगा। इसके तहत गांव से लेकर शहरों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र, क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल ब्लॉक 602 जिलों में, नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फो पोर्टल को मजबूत बनाया जाएगा। 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को चालू किया जाएगा। 32 एयरपोर्ट पर भी ये बनेंगे। नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वल्र्ड हेल्थ बनेगा। 9 बायो लैब बनेगा। चार नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी बनेगा।
किसानों को खुश करने का प्रयास
इस बजट में किसानों और एग्रीकल्चर पर खास फोकस किया गया है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत जल्दी खराब होने वाली 22 सब्जियों को शामिल किया जाएगा। ई-नाम के तहत 1000 और मंडियां जोड़ा जाएगा। एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड एपीएमसी के लिए उपलब्ध होगा, साथ ही रूरल इन्फ्र फंड में 40 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। देश में पांच बड़े फिशिंग हब बनाए जाएंगे। सरकार ने 2020-21 में सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपए की अनाज यानी गेहूं की खरीदारी की जिससे 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला। धान खरीदारी बढ़ कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल ये आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। सरकार इस साल दाल की खरीदारी 10 हजार 500 करोड़ रुपए की कर सकती है। स्वामित्व स्कीम के तहत सभी राज्यों को लाया जाएगा।
रेलवे को मिला बहुत कुछ
एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए रेलवे के लिए प्रावधान किया गया है। बजट में कहा गया है कि नेशनल रेल प्लान 2030 तैयार कर लिया गया है। फ्यूचर रेडी रेल सिस्टम बनाने का टारगेट रखा गया है। वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा। सोन नगर- गोमो सेक्शन पीपीपी मोड पर बनेगा। ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर खडग़पुर-विजयवाड़ा, इटारसी-विजयवाड़ा कॉरिडोर बनाया जाएगा। ब्रॉड गेज – इलेक्ट्रिफाइड रेल लाइन की लंबाई 46 हजार किलोमीटर है। दिसंबर, 2023 तक 100 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन होगा। एलएचबी कोच टूरिस्ट रूट पर दिया जाएगा। हाई डेंसिटी नेटवर्क में स्वदेशी तकनीक से बना रेल प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा।
इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान
वहीं डेवलपमेंट फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट बनाने का ऐलान हुआ। रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एनएचएआई के टोल रोड, एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मैनेजमेंट के दायरे में लाए जाएंगे। समर्पित मालवाही गलियारा डीएफसीसी, ऑपरेशन ऐंड मेंटनेंस के साथ कमीशनिंग के बाद बेचा जाएगा। इस बार कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले साल 5.54 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। भारतमाला प्रॉजेक्ट के तहत 8 हजार किलोमीटर का कॉन्ट्रैक्ट मार्च तक दिया जाएगा।
रोड कोरिडोर पर होंगे इतने खर्च
एक लाख 18 हजार करोड़ रुपए रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के लिए दिया जाएगा। रोड इन्फ्रा और इकॉनमिक कॉरिडोर पर भी बड़े ऐलान हुए। तमिलनाडु में बन रही 3500 किलोमीटर लंबी सड़क, मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर, केरल में 1100 किलोमीटर लंबा नेशनल हाइवे वक्र्स, मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 6500 किलोमीटर हाईवे बंगाल पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिसमें कोलकाता-सिल्लीगुड़ी रोड का रिपेयर वर्क भी शामिल है।
ऐजुकेशन सेक्टर को बूस्टर डोज
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 100 नए सैनिक स्कूल बनाने का ऐलान किया गया है। इन स्कूलों के निर्माण के लिए प्राइवेट सेक्टर की मदद ली जाएगी। हायर एजुकेशन कमीशन बनाया जाएगा। जिसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। देश के आदिवासी इलाकों में 758 एकलव्य स्कूल तैयार किए जाएंगे। एक स्कूल पर 38 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। अनुसूचित जातियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप ऐलान हुआ। जिससे चार करोड़ स्टूडेंड को फायदा होगा। नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन के तहत सरकारी कामकाज से भारतीय भाषाओं में अनुवाद के जरिए लोगों को अवगत करवाया जाएगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। दूसरी ओर अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए मार्जिन मनी की जरूरत 25 फीसदी से कम कर 15 फीसदी कर दिया गया है।
बाजार में उतरेगी सरकार
बजट में विनिवेश को लेकर भी ऐलान हुए। बीपीसीएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड जैसी कंपनियों का विनिवेश 2022 करने का ऐलान हुआ। 2021-22 में दो और सरकारी कंपनियों का विनिवेश होगा। एलआईसी का आईपीओ लाने की घोषणा की गई। रणनीतिक और गैर-रणनीतिक, दोनों क्षेत्रों की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का विनिवेश होगा। सरकार को विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए प्राप्त होगा। ईज ऑफ डुइंग बिजनस के लिए अलग से प्रशासनिक तंत्र गठन होगा। बिजली कंपनियों की माली हाल में सुधार के लिए स्कीम लाने का ऐलान हुआ। उज्जवला स्कीम में एक करोड़ परिवार और जोड़े जाने की बात कही। इसके अलावा 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
पिता खुश, बेटे को किया दुखी
आईटीआर से जुड़े मुद्दे में घर के उन बुजुर्गों को राहत दी है, जोकि 75 साल और उससे ज्यसादा के हो चुके हैं। उनके लिए बजट में इनकम टैक्स फाइल करने से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं दूसरी ओर टैक्स असेसमेंट के लिए 6 साल पुराना और सीरियस केस में 10 साल पुराना खाता बही निकालना पड़ता है। इस टाइम लिमिट को घटा कर अब छह साल से तीन साल कर दिया गया है। सीरियस मामलों में भी इसे 10 साल तक तभी रखा जाएगा जब 50 लाख सालाना से ज्यादा की चोरी हुई हो। टैक्स से जुड़े केस घटाने के लिए विवाद से विश्वास स्कीम जारी रखे जाने का ऐलान हुआ है। वहीं घर के बच्चों के लिए मुसीबत है। सैलरीड क्लास के लोगों के लिए इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। इसका मतलब साफ है कि सरकार कमाई का कोई जरिया छोडऩा नहीं चाहती है।
डिजिटल इंडिया को मिले 3,700 करोड़ रुपए
बजट में गुड गवर्नेंस के लिए ट्राइब्यूनल रिफॉर्म के नए प्रस्ताव का ऐलान हुआ है। जिसके तहत नेशनल कमीशन फॉर अलायड प्रफेशनल एक्ट लाया जाएगा। नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाफरी बिल भी लाया जाएगा। डजिटिल इंडिया के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान हुआ है। गोवा डायमंड जुबली सेलिब्रेशन के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान हुआ है। असम और पश्चिम बंगाल के टी वर्कर के लिए 1000 करोड़ रुपए का ऐलान हुआ है।
अफॉर्डेबल और रेंटल हाउसिंग में राहत
अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए आम लोगों को रियायत दी गई थी जिसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।किफायती घर खरीदने के लिए लोन पर 1.5 लाख रुपए तक की छूट की सीमा को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर प्रवासी कामगारों के लिए सस्ती दरों पर किराए के मकान उपलब्ध कराने की योजना का ऐलान हुआ है।
कॉर्पोरेट टैक्स घटाया गया, डिविडेंड टैक्स हटाया
इस बार बजट में कॉरपोरेट सेक्टर को राहत देते हुए और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का ऐलान किया गया है। वहीं डिविडेंड टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया गया है। छोटे टैक्स पेयर्स के लिए डिस्पियूट रिजॉल्यूशन कमेटी बनाने का ऐलान किया गया है। 50 लाख तक की आय वाले इस कमेटी के पास जाकर अपने मामलों को निपटा सकते हैं। सभी मामलों इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निपटाया जाएगा। जरूरत पडऩे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद ली जाएगी।