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बैंकों को 71,543 करोड़ रुपए का चूना
आरबीआई की रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2018-19 में बैंक फ्रॉड में बैंकों को 71,543 करोड़ रुपए का चूना लगा है। जबकि साल 2017-18 में 41,167 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ था। जो करीब 74 फीसदी ज्यादा है। वहीं धोखाधड़ी के मामलों की बात करें तो पब्लिक सेक्टर के बैंकों में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले सामने आए। कुल मामलों में 55.4 फीसदी मामले पीएसयू बैंकों के थे। जो राशि के मामले में 90.2 फीसदी है। जो वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में हुए 50 हजार करोड़ रुपए के नुकसान से भी ज्यादा है।
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बैंक फ्रॉड के केसों में बढ़ोतरी
2018-19 में बैंक फ्रॉड के केसों में बढ़ोतरी देखने को मिली। जहां 2017-18 में 5916 मामले दर्ज हुए थे, वहीं अगले यह संख्या 6801 हो गई। सरकारी बैंकों में फ्रॉड की संख्या में 91.6 फीसदी का इजाफा हुआ। प्राइवेट बैंकों की बात करें तो 30.7 फीसदी और विदेशी बैंकों में 11.2 फीसदी बैंक फ्रॉड हुए। बैंकों ने 64548 करोड़ रुपए फ्रॉड के 3606 केस दर्ज किए। वहीं विदेशी मुद्रा लेनदेन से जुड़े मामलों में 695 करोड़ रुपए के 13 केस हुए हैं। इस अवधि में कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े 71 करोड़ रुपए के 1866 केस किए थे।