न्याय मंत्री ने दी जानकारी
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक-2018 को संसद में पेश किया गया है, जिसमें बताया गया है कि जिन भी बच्चों के पास आधार कार्ड है वह 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद अपनी आधार संख्या रद्द कर सकते हैं। इसके साथ ही इस अधिनियम में निजी अस्तित्वों के द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा का लोप करने का भी प्रावधान है।
निजता का नहीं होगा उल्लंघन
इसके साथ ही कानून मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि यह विधेयक हाई कोर्ट के द्वारा लाया जा रहा है तो इसमें किसी प्रकार की निजता का उल्लंघन होने की कोई संभावना नहीं है। इसके साथ ही इसमें निजता को सुरक्षित रखा गया है।
अपकी मर्जी पर करेगा निर्भर
कानून की सहमति से लाए जा रहे इस विधेयक में यह बहुत बड़ा बदलाव है। इसमें कोई भी बच्चा 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद अपनी आधार संख्या रद्द कर सकेगा। उसके पास रखने का विकल्प होगा। यह आधार धारक की मर्जी पर निर्भर करेगा कि वह बदलना रद्द करना चाहता है या नहीं।
जल्द लाया जाएगा यह विधेयक
आपको बता दें कि कानून मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि डेटा संरक्षण से जुड़ा विधेयक तैयार है और इसे जल्द लाया जाएगा। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि आधार अधिनियम 2016 भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों को सुशासन, विशिष्ट पहचान संख्या अनुदेशित करके ऐसी सुविधाओं और सेवाओं के कुशल, पारदर्शी और लक्षित परिदान के लिये तथा उससे संबंधित एवं अनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिये किया गया था।
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