मंत्री विजयवर्गीय ने कहा, जिन महान विभूतियों ने देश व अपनी संस्कृति के बारे में सोचा और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। जिनके बलिदान से हमें आजादी मिली और हम सब खुली हवा में सांस ले रहे हैं। ऐसी ही महान बलिदानी वीरांगना लक्ष्मीबाई के सम्मान में ग्वालियर में बलिदान मेला का आयोजन सराहनीय और अनुकरणीय पहल है। उन्होंने कहा कि इतिहास से सीख लेकर हम वर्तमान को संभालते हुए भविष्य में श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा, वीरांगना की याद में ग्वालियर वासियों को 11 लाख पौधे लगना चाहिए। विजयवर्गीय ने मंच से अब तुम्हारे हवाले ऐ वतन साथियों…भी सुनाया।
पवैया ने कहा, बलिदान मेला देशभक्ति जगाने और देशभक्ति के बीज बोने का अनुष्ठान एवं महायज्ञ है। आज से 166 साल पहले ग्वालियर की इसी पावन धरा पर वीरांगना लक्ष्मीबाई ने भारत माता के श्रीचरणों में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस आयोजन के माध्यम से उन सब शहीदों को जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति इस राष्ट्र की रक्षा और निर्माण के लिए दे दी है, उनके प्रति हम सब कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
संत उत्तम महाराज ने कहा, युवा पीढ़ी को राष्ट्र सेवा के प्रति जागृत करने एवं देशभक्त बनाने की दिशा में बलिदान मेला एक अनूठा प्रयोग है। उन्होंने कहा कि इतिहास से सीख लेकर हम वर्तमान को संभालते हुए भविष्य में श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकते हैं। बलिदान मेले में लाल टिपारा गौशाला के संतजन, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया आदि उपस्थित थे।
मंच पर जीवंत हो उठा वीरांगना का युद्ध
कार्यक्रम में जीवित घोड़े, ऊंटों के साथ शहर के वंदे मातरम् ग्रुप द्वारा वीरांगना लक्ष्मीबाई पर केन्द्रित महानाट्य की प्रस्तुति दी गई। कलाकारों से पूरा माहौल देशभक्तिमय हो गया और वीरांगना की अंग्रेजों से युद्ध मानो जीवंत हो उठा। बारिश के कारण मैदान गीला हो गया था, लेकिन दर्शकों ने खड़े होकर महानाट्य को देखा। मौजूद लोगों के दिलों में देशभक्ति का जज्बा हिलोरे लेने लगा और लोगों की आंखें नम हो गईं। इस महानाट्य में लगभग 200 कलाकारों ने भाग लिया।