भगवान नृसिंह के बीज मंत्र।
।। ॐ श्रौं’क्ष्रौं ।।
।। ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम:।।
चमत्कारी नृसिंह मंत्र
शत्रु बाधा हो या तंत्र मंत्र बाधा, भय हो या अकाल मृत्यु का डर। इस मंत्र के जप करने से शांति हो जाती है। शत्रु निस्तेज होकर भाग जाते हैं, भूत पिशाच भाग जाते हैं तथा असाध्य रोग भी ठीक होने लगता है। भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का तांत्रिक मंत्र- “ॐकार नृसिंह” मंत्र के जप से तांत्रिक क्रिया का तंत्र प्रभाव 7 दिन में खत्म हो जाता है।
पूजन विधि व शुभ मुहूर्त
– इस दिन पूजा करने के लिए सबसे उत्तम समय गोधूली बेला (संध्या काल) माना गया है, क्योंकि इसी समय भगवान नृसिंह ने अवतार लिया था।
– इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
– भगवान नृसिंह तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए।
– भगवान नृसिंह जयंती के दिन व्रत-उपवास रखकर विधि विधान से विशेष पूजा अर्चना करना चाहिए।
– भगवान नृसिंह का वेदमंत्रों से आवाहन् कर प्राण-प्रतिष्ठा करने के बाद षोडशोपचार से पूजन करना चाहिये।
– भगवान नरसिंह जी का ऋतुफल, पुष्प, पंचमेवा, कुमकुम केसर, नारियल, अक्षत, पीताम्बर, गंगाजल, काले तिल, पञ्चगव्य आदि से पूजन करने के बाद हवन सामग्री से हवन भी करना चाहिए।
उपरोक्त विधि से पूजा करने के बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस नृसिंह भगवान जी के मंत्र का जप करना चाहिए।
**************