त्योहार

Karwachauth 2020: कब रखे करवा चौथ का व्रत, कितने बजे दिखेगा चांद, कब से कब तक रहेगी चतुर्थी, जानें की पूजा की विधि

करवा चौथ का दिन हर महिला के लिए बहुत पूजनीय होता है। इस दिन व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है। यही नहीं कुंवारी लड़कियां भी मनवांछित वर के लिए इस दिन व्रत रखती है….

Oct 27, 2020 / 02:56 pm

भूप सिंह

दशहरे के बाद और दिवाली से पहले करवा चौथ का त्योहार आने वाला है। सुहागन औरतों के लिए यह व्रत अहम माना जाता है। वे यह व्रत अपने पति के लंबी आयु के लिए रखती हैं। यहां तक पुरुष भी इस व्रत को रखते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार करवा चौथ हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह दिवाली के 10 या 11 दिन पहले आता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। श्रृंगार का महत्व भी खूब है। शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद व्रत को खोला जाता है।

Rashi Parivartan of venus: अपनी नीच राशि में जा रहे है दैत्यगुरु, आप पर ये होगा इसका असर

कब है करवा चौथ
इस साल करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखेगी।

क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
4 नवंबर को सुबह 03 बजकर 24 मिनट पर कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी और 5 नवंबर को सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर तक रहेगी। 4 नवंबर को शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसी के दौरान आप पूजा कर लें। चौथ का व्रत रखने के लिए कुल 13 घंटे 37 मिनट का समय है। सुबह 06 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 12 मिनट तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।

देवी मां यहां तीन रूपों में देती हैं दर्शन, कहते हैं लहर की देवी

चांद दिखने का समय
चौथ के व्रत के दिन चांद दिखने का समय 08 बजकर 12 मिनट पर है। चांद को जल चढ़ाने और अपने पति के हाथ से जल पीने के बाद ही महिलाएं व्रत खोलती हैं और भोजन ग्रहण करती हैं।

Surya Rashi Parivartan 2020: तुला में सूर्य वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्‍या, धनु व मकर राशि में दिखाएंगे कमाल, जानें आप पर इसका असर

पूजा की विधि
यह व्रत सूर्योदय से पहले और चंद्रोदय तक रखा जाता है। चांद देखने के बाद ही यह व्रत खोला जाता है। चंद्रोदय से पूर्व संपूर्ण शिव परिवार, शिव जी, मां पार्वती, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है। पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है। चंद्रमा के पूजन के बाद पति को छलनी में से देखें। इसके बाद पति पानी पिलाकर पत्नी के व्रत खुलवाता है।

मां भगवती ने इस जगह क‍िया था मह‍िषासुर का वध! यहां असुर की पूजा का ये है राज

Hindi News / Astrology and Spirituality / Festivals / Karwachauth 2020: कब रखे करवा चौथ का व्रत, कितने बजे दिखेगा चांद, कब से कब तक रहेगी चतुर्थी, जानें की पूजा की विधि

लेटेस्ट त्योहार न्यूज़

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.