मान्यता है कि गाय माता में जहां भी विचरण करती हैं, वहां सांप-बिच्छू जैसे विषैले जीव नहीं आते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति गौ माता की मन से सेवा करता है और पूजा करता है, उस पर आने वाली सभी विपदाएं गौ माता दूर कर देती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गौ माता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, ऐसे में यदि कोई गाय माता की सेवा करता है तो उसे उन सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म में गाय की सबसे अधिक महत्ता है और गाय को मां का दर्जा दिया गया है।
गोपाष्टमी पूजन विधि इस दिन सबसे पहले सुबह में उठकर स्नान कर गौ माता को भी स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें अच्छी तरह सजाएं। साथ ही उन्हें हल्दी भी लगाएं। गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजन बछड़े के साथ करें। बछड़े के पांव में घुंघरू बांधें। गौ माता की पूजा धूप-दीप, अक्षत, रोली, गुड़, वस्त्र और जल से करें और अंत में उनकी आरती उतारें।