वहीं इस साल धनतेरस पर बन रहे दो शुभ योग त्योहार की प्रमुखता बढ़ा रहे हैं। इसके तहत जहां इस दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, वहीं इसी दिन लाभ अमृत योग भी बन रहा है।
धनतेरस तिथि व पूजन का शुभ मुहूर्त
इस साल यानि 2021 में मंगलवार,2 नवंबर 2021 दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मंगलवार, 2 नवंबर को प्रदोष काल 5:37 PM से 08:11 PM तक का है, ऐसे में वृषभ काल 06:18 PM से 08:14 PM तक रहेगा। जिसके चलते धनतेरस के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त 06:18 PM से 08:11 PM तक रहेगा।
त्रिपुष्कर योग-
त्रिपुष्कर योग को धनतेरस के दिन बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस योग में खरीदारी करने वालों का निश्चित तौर पर भाग्योदय होता है। दरअसल यह इस शुभ योग का निर्माण मंगलवार और द्वादशी तिथि के संयोग से होता है।
ऐसे में इस बार द्वादशी तिथि सोमवार, 01 नवंबर से शुरु होकर मंगलवार,02 नवंबर की सुबह 11:30:16 बजे तक रहेगी। जिसके कारण मंगलवार, 2 नवंबर को सूर्योदय से लेकर सुबह करीब साढ़े 11 बजे तक त्रिपुष्कर योग का लाभ लिया जा सकता है।
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लाभ अमृत योग-
त्रिपुष्कर योग के अतिरिक्त इस साल दूसरा शुभ योग लाभ अमृत योग भी धनतेरस के दिन बन रहा है। ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला के अनुसार अमृत योग को बाजार से नई चीजों की खरीदारी के मामले में उत्तम माना जाता है। यह योग धनतेरस के दिन सुबह दस बजकर तीस मिनट से दोपहर एक बजकर तीस मिनट तक लाभ अमृत रहेगा।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार चूंकि 2 नवंबर को त्रिपुष्कर योग सुबह करीब साढ़े 11 बजे तक रहेगा और उसी दौरान लाभ अमृत योग का भी आरंभ हो जाएगा, जो एक बजकर तीस मिनट तक रहेगा। ऐसे में इन दोनों की अवधि जोड़ने पर धनतेरस में सूर्योदय से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक खरीदारी करना शुभ रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त (शाम ): 05:05 PM से 05:29 PM तक।
प्रदोष काल (शाम ): 5:37 PM बजे से 08:11 PM बजे तक रहेगा।
वृषभ काल– 06:18 PM से 08:14 PM तक।
निशिता मुहूर्त- 11:16 PM से 12:07 AM तक। दिन का चौघड़िया
लाभ- 10:43 AM से 12:04 PM तक।
अमृत- 12:04 PM से 01:26 PM तक।
शुभ- 02:47 PM से 04:09 PM तक।
लाभ- 07:09 से 08:48 तक।
शुभ- 10:26 से 12:05 तक।
अमृत- 12:05 से 01:43 तक।
धनतेरस पर पूजन के तहत 02 नवंबर 2021 की शाम को उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरि की स्थापना करें। और फिर दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर लगाएं।
इस दौरान भगवान कुबेर को सफेद और धनवंतरि को पीली मिठाई को भोग लगाना उचित माना जाता है। वहीं पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। और फिर इसके पश्चात ‘धनवंतरि स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए। पूजा के पश्चात कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरि को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
धनतेरस पर खरीदारी
धनतेरस के दिन को खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सोना, चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने के अलावा झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है।
धनतेरस के दिन भौम प्रदोष व्रत
इस साल यानि 2021 में धनतेरस के दिन ही मंगलवार, 2 नवंबर को भौम प्रदोष व्रत भी रहेगा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार भौम प्रदोष व्रत और धनतेरस के संयोग में ज्यादा सकारात्मक परिणाम के लिए कुछ खास चीजों की खरीदारी विशेष मानी गई है। माना जाता है कि इन दिन घर, दुकान, जमीन या भूमि और भवन के क्षेत्र में निवेश बड़ा लाभ दिलाता है।