बता दें कि चांदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी अधेड़ ने विगत कुछ माह पूर्व एक नाबालिग किशोरी को बहला फुसला कर अपनी हवस का शिकार बना डाला था। पीड़िता नाबालिग किशोरी ने परिजनों को न बताकर मामले को दबा दिया था लेकिन कुछ माह बाद नाबालिग किशोरी के छह माह का गर्भ ठहर गया तब परिजनों को जानकारी हुई। जिन्होंने बिना किसी को बताये गांव की आशाबहू से मिलकर अमौली कस्बे में चल रहे एक निजी हॉस्पिटल में बिना किसी को सूचना दिए गर्भपात करा डाला।
गर्भपात करवाने से संबंधित एक ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमे अमौली के प्रशस्ति हॉस्पिटल का जिक्र किया जा रहा है। मामले की खबर पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद प्रशासनिक टीम हरकत में आ गई।
पहुंची जांच टीम शुक्रवार को नायब तहसीलदार के नेतृत्व में टीम ने प्रशस्ति हॉस्पिटल में अचानक छापेमारी की और अस्पताल की जांच की। टीम के पहुंचते ही हॉस्पिटल मालिक सहित डॉक्टर गायब मिले। यहां से जाँच टीम पीड़िता किशोरी के गांव पहुँची जहाँ देर रात तक पूछताछ करती रही। जाँच टीम में नायब तहसीलदार अमरेश कुमार, कानूनगो वीरेंद्र, लेखपाल रजत कुमार सहित क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधीक्षक पुष्कर कटियार शामिल रहे।
इस बाबत नायब तहसीलदार बिंदकी अमरेश कुमार ने बताया कि जाँच के दौरान हॉस्पिटल में कोई भी ओपीडी रजिस्टर नही पाया गया। सीसीटीवी कैमरा नही मिला। न ही अन्य कोई व्यवस्थाएं पाई गई हैं। नाबालिग किशोरी का गर्भपात हुआ है लेकिन अभी तक यह क्लियर नही हो पाया है कि गर्भपात कहां हुआ है। जांच चल रही है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी।