जी हां फतेहुपुर कांड पर महिला आयोग सक्रियता से एक बात तो साफ है कि यहां के प्रशासन को सूबे से लेकर केन्द्र तक बदनामी झेलनी पड़ सकती है। क्यूंकि घटना के बाद जिलाधिकारी का प्रेम प्रसंग से जो़ड़कर दिया गया बयान कहीं न कहीं लोगों को हैरान कर रहा है।
बतादें कि फतेहपुर के हुसैनगंज थाना इलाके के एक गांव की रहने वाली युवती घर में थी। परिजनों को घर से बाहर और युवती को अकेला देखकर पड़ोस का युवक घर मे घुस गया था। युवक ने युवती संग दुष्कर्म किया। जब उसने घटना को परिवार वालों से बताने को कहा तो घर में रखे केरोसिन के तेल को युवती पर छिड़ककर युवक उसे जला दिया। गंभीर हाल में युवती को जिलाअस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां उसकी हालत को देखते हुए उसे कानपुर रेफर कर दिया गया था।
घटना के बाद जिलाधिकारी संजीव सिहं ने इस पूरे प्रकरण को प्रेम प्रसंग का नाम दिया था। साथ ही उन्होने ये भी पंचायत के फैसले से नाराज होकर युवती ने खुद को आग लगाई थी। डीएम का कहना था की दोनों के बीच दो साल से प्रेम प्रसंग था। शादी की बात चली को गांव में पंचायत की गई। पंचायत ने फैसला लिया कि दोनों की शादी नहीं हो सकती। जिलाधिकारी की मानें तो इसी से नाराज होकर युवती ने खुद को आग के हवाले कर दिया।
ग्रामीणों ने भी कहा पंचायत हुई थी वहीं गांव के रहने वाले एक ग्रामीण ने भी यही बात कही थी रविवार को युवती के प्रेम संबन्ध को लेकर गांव में पंचायत हुई थी। दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन लोकलाज का हवाला देते हुए दोनों की शादी का होने से मना कर दिया गया था।
आरोपी ने भी कही प्रेम प्रसंग की बात इधर रेप का आरोपी युवक भी यही बात कह रहा कि दोनों के बीच प्रेम था हमने कोई रेप नहीं किया। पंचायक के फरमान के बाद युवती ने खुद लगाई।
पीड़िता ने कही थी रेप की बात
वहीं आग में 90 फीसदी से ज्यादा जली पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दिया उसमें कहा कि रेप के बाद आरोपी मेवालाल ने उसे जलाया। साथ ही परिवार वाले में रेप के बाद जलाने की बात कह रहे हैं।
महिला आयोग ने कहा क्या कर रहा था प्रशासन महिला आयोग की सदस्य ने परिवार वालों से बात करने के बाद पंचायत की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि आखिर पंचायत हुई तो इसकी भनक पुलिस को कैसे नहीं लगी। किससे अनुमति ली गई। कमलेश गौतम ने कहा कि हम पूरे मामले की रिपोर्ट आयोग को सौंपेंगे ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।