गुंडों ने बोला धावा बीती रात ग्रामीण सामूहिक रूप से गांव में बुद्ध की कथा का आयोजन करवा रहे थे। तभी पड़ोसी गांव नाजिर नगला के करीब एक दर्जन लोगों ने मंच पर कब्जा कर लिया। जब आयोजकों ने उन लोगों से मंच खाली करने को कहा तो गुंडों ने गाली गलौज कर जनरेटर को बंद कर दिया और वहां पर लगी ट्यूब लाइटें तोड़ दीं। इसके अलावा चढ़ावे के रूपए लूटकर और वहां लगे बाबा साहब अंबेडकर का पोस्टर फाड़कर हंगामा मचाया। गुंडों ने विरोध करने पर आयोजकों को धमकाने के लिये धुंआधार फायरिंग भी की। जिससे पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग तब तक घर से बाहर नहीं निकले जब तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंच गई।
पुलिस के आने से पहले भाग निकले गुंडे पीड़ितों ने डायल 100 को सूचना दी। सीओ नरेश कुमार, थानाध्यक्ष महेन्द्र कुमार त्रिपाठी जब तक मौके पर पहुंचे तब तक हमलावर पंडाल को तहस-नहस कर भाग गये थे। पीड़ितों ने जब घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिये तहरीर दी तो थानाध्यक्ष ने बोलकर भागवत आयोजन की साधारण तहरीर लिखवाई। जिससे उनके ऊपर कोई आरोप न लगाया जा सके। पुलिस ने गांव के मुखलाल पुत्र जयराम की ओर से नाजिर नगला साध नगर निवासी योगेन्द्र पुत्र कल्लू यादव, चोब सिंह पुत्र नेत्रपाल सिंह यादव, रामसिंह पुत्र रक्षपाल सिंह, राजू पुत्र जयसिंह यादव, अमर सिंह पुत्र रामसिंह, संजू पुत्र अजब सिंह नेता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
इस सरकार में लोग परेशान वहीं बसपा नेता नीरज गौतम ने इस मामले पर बोलते हुए बताया कि थानाध्यक्ष महेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बाबा साहब के फटे हुए पोस्टर को देखा। तोड़फोड़ करने वाले चढ़ावे के करीब 5 हजार रूपए भी लूट ले गए। नीरज गौतम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के संरक्षण के चलते इन गुंडों के हौसले बुलंद हैं। नीरज गौतम ने कहा कि वर्तमान सरकार में जिस प्रकार से अधिकारी काम कर रहे हैं, उससे सभी लोग परेशान हैं।