शासन और प्रशासनिक मुद्दों के अलावा वर्तमान के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मामले, पर्यावरण, आर्थिक, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय आदि से संबंधित मुद्दों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। इन सभी के बीच देखा जाता है कि अभ्यर्थी को आसपास के लोगों और घटनाओं से जुड़ी संवैधानिक, भावनात्मक और औपचारिक जिम्मेदारी का अहसास है या नहीं।
बड़े स्तर की परीक्षाओं के लिए आवेदन करते समय आयोग द्वारा निर्देशित किया जाता है कि जो भी जानकारी भरी जा रही है वह सत्य हो। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि साक्षात्कार के समय व्यक्ति अभ्यर्थी से उसके बायोडाटा के बारे में सवाल करता है। जैसे कि यदि अभ्यर्थी ने अपनी रुचि का ब्यौरा उसमें दिया है तो उसके बारे में बेहद सूक्ष्म सवाल भी पूछे जा सकते हैं। इसलिए साक्षात्कार से पहले अपने बायोडाटा को कई बार पढ़ लें। खासतौर पर हॉबी, एजुकेशन, वर्क एक्सपीरियंस और सर्विस प्रेफरेंस से जुड़े सवालों को खासतौर पर पूछा जाता है।
साक्षात्कार में काउंटर सवाल ज्यादा पूछे जाते हैं। इससे जुड़े प्रश्नों के सही जवाब न देने पर अभ्यर्थी चूकते हैं। यह सबसे आसान सेक्शन माना जाता है। इसके लिए यदि आप ठंडे दिमाग से सवालों को सुनकर जवाब देंगे तो ऐसे में आपका कॉन्फिडेंस भी दिखेगा। सबसे अहम बात है आपका कॉन्फिडेंट दिखना फिर चाहे आपका जवाब सही हो या नहीं।
पर्सनालिटी में आपके ड्रेसिंग सेन्स के साथ ही हेयरस्टाइल, बोलने का तरीका, आपके हावभाव, बात को जाहिर करना, बॉडी लैंग्वेज व मूवमेंट, कम्युनिकेशन स्किल्स, आई कॉन्टेक्ट, तार्किक क्षमता के अलावा हाजिर जवाबी पर गौर किया जाता है। अभ्यर्थी के साक्षात्कार वाले रूम में एंट्री लेने से एक्जिट तक की हर हरकत पर नजर रखी जाती है।
इंटरनेट पर उपलब्ध मॉक टेस्ट पेपर की तरह ही मॉक इंटरव्यू भी मौजूद होते हैं। इनकी प्रैक्टिस से असल में होने वाले इंटरव्यू के पैटर्न का पता लग सकता है। कई कोचिंग सेंटर अपने यहां काउंसलर को ऐसे ही इंटरव्यू की तैयारी के लिए भी रखते हैं। प्रोफेशनल काउंसलर के अलावा परिवार में किसी रिश्तेदार और दोस्तों की मदद भी ली जा सकती है। वे कुछ अहम प्रश्नों की सूची तैयार कर आपकी प्रैक्टिस करवा सकते हैं।