मामले में जिलाधिकारी (Etawah DM) जितेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि हर माह जेल के भीतर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम सघन निरीक्षण करती है, ऐसे में उन्हें नहीं लगता कि जेल परिसर में जुआ खेलने जैसा कोई वाक्या घटित हो सकता है। फिर भी वीडियो की सत्यता की तह तक पहुंचा जायेगा। इसके ठीक विपरीत जेल अधीक्षक राज किशोर सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में ऐसा कोई काम जेल में नहीं हो रहा है। वायरल वीडियो पुराना हो सकता है या फिर किसी की साजिश भी हो सकती है।
वीडियो के वायरल होने के बाद जेल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है। हाल में उन्नाव जेल में तमंचा लहराते बंदी का भी एक वीडियो वायरल हुआ था। कैदियों को जेल में रखकर कठोर सजा देने का प्रावधान है लेकिन, अब हकीकत इसके विपरीत है। जेल में कैदियों को सुख सुविधा दिये जाने के कई मामले उजागर हो चुके हैं। जेल अब शायद अपराधियों के लिए आराम की जगह बन गई है, जहां उन्हें अब हर सुविधाएं मुहैया हो रही हैं। जेल में जहां कैदियों को सजा के रूप में कठोर काम लिया जाना चाहिये, वहां कैदी खुलेआम जुआ खेलकर अपना समय बिता रहे है।
इटावा जेल से 7 जुलाई की तड़के सुबह करीब 3 बजे इटावा ज़िला जेल में हत्या के आरोप में आजीवन सजा काट रहे दो कैदी जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए जेल से फरार हो गए थे। उनमें से एक कैदी की ट्रेन से कट कर मौत हो गई थी तो वहीं दूसरा कैदी फरार हो गया था । कैदियों के फरार होने की घटना ने प्रशासन को सन्न कर दिया था। दोनों की कुख्यात अपराधी थे और उम्रकैद की सजा काट रहे थे ।