एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष डा. रामशंकर कठेरिया भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार घोषित होने के बाद इटावा मे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ताओं को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। भाजपा हाईकमान की ओर से इटावा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पहली बार शहर में पहुंचे। डा. कठेरिया ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इटावा में उनका मुकाबला किसी से नहीं है। इटावा उनकी जन्मभूमि है, अब पार्टी ने उन्हें इटावा की सेवा करने का अवसर दिया है तो जन्मभूमि के कर्ज को प्राण प्रण से चुकाएंगे। आगरा भले ही कर्मस्थली रही हो लेकिन जन्मस्थली इटावा है और इटावा के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी को यूपी में चुनाव को लेकर जो गठबंधन हुआ है वह स्वार्थबंधन है और ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। चुनाव बाद यह गठबंधन टूट जाएगा, चुनाव के बीच में भी टूट सकता है।
डा. कठेरिया ने कहा कि चुनाव में राष्ट्रवाद, विकासवाद व सुशासन मुख्य मुद्दा होगा। जिन पर चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे इटावा में आरएसएस के प्रचारक रहे हैं, उनकी पढ़ाई भी यहीं हुई है और अब जब उन्हें सेवा का अवसर मिला है तो कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कुछ लोग नाराज हैं तो उन्हें मनाएंगे और सभी मिलकर पार्टी के लिए कामकाज करेंगे। यूपी में 70 पार का लक्ष्य लेकर 70 से अधिक सीटें जीती जाएंगी। डा. कठेरिया के बयान पर काग्रेंस पार्टी के जिलाध्यक्ष उदयभान सिंह यादव का कहना है कि डा.कठेरिया का यह बयान सीधे तौर पर आचार सहिंता का उल्लंधन के दायरे में है । भाजपा उम्मीदवार अपने बयान को जिस ढंग से दे रहे है उससे साफ है कि वो लोगो को डरा रहे है ताकि भाजपा के पक्ष मे मतदान करने के लिए लोग विवश हो ।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव का कहना है कि कठेरिया का बयान कोई महत्व इसलिए नहीं रखता है जब मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री हर किसी को ठोकने और डराने जैसे बयान देते है तो जाहिर है कि उनकी पार्टी के नेता भी उनकी ही भाषा बोलेंगे। उन्होंने कहा कि इटावा के लोग इस तरह के बयानात से डरने वाले नही है क्यो कि नेता जी के सामने चंबल के खूंखार डाकू को भी यही भाजपा चुनाव मैदान मे उतार चुकी है जिसको बुरी तरह से हरा कर चित्त कर दिया गया था ।