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बाराबंकी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच पूरी, जानें किस शहर में कितने अवैध मदरसे मिले बिना बताए सैफई के लिए चल पड़ा था नवरत्न बता दें कि नेताजी के नन्हें समर्थक 10 वर्षीय नवरत्न इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। ये नेताजी के निधन की खबर सुनते ही अपने घर से बिना बताये उनके अंतिम दर्शन के लिये यहां से पांच सौ किमी दूर महाराजगंज से चल पड़ा था। जब वह इटावा पहुंचा तो रास्ते में ही भटक गया। किसी तरह से गुरुवार को वह कानपुर पहुंचा जिसके बाद जीआरपी ने उसको बैठा लिया और पूछताछ की तो पता चला कि उसका नाम नवरत्न यादव है। उसने बताया कि उसके पिता सिकंदर यादव काफी गरीब हैं। वह अपने परिजनों को बिना कुछ बताए ही घर से निकल पड़ा। सूचना जब परिजनों को दी गई तो वह नवरत्न को अपने साथ ले गए।
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खाने के शौकीनों के लिए लखनऊ में लगा बंगाली फूड फेस्टिवल, जानिए क्या है खासियत मुलायम सिंह यादव के चित्र को पुष्प अर्पित किए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जब नवरत्न यादव के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने इस नन्हें समर्थक को गाड़ी भेजकर सैफई बुलवाया। शनिवार की सुबह नौतनवा के पूर्व विधायक मुन्ना सिंह नन्हें समर्थक को लेकर यहां पहुंचे। जहां नवरत्न ने अखिलेश यादव के सामने पहुंचकर हाथ जोड़कर प्रणाम किया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अखिलेश ने उसे अपने पास बुलाया और उससे काफी देर तक बातचीत भी की। अखिलेश यादव ने पूछा अब क्या इरादा है उसने कहा कि वह नेता बनना चाहता है, इस पर अखिलेश ने कहा कि पहले अच्छे स्कूल में खूब पढ़ो और पढ़ाई का खर्च हम उठायेंगे, पढ़ने के बाद नेता बनना। इसके बाद नवरत्न को कोठी में ही खाना खिलाया गया।