अपने मकान और परिवार के साथ सुखभरी जिंदगी का ख्वाब सभी देखते हैं लेकिन एटा के उस्मान मलिक को ये सपने देखना भारी पड़ गया। अज्ञानता के चलते वो कर्ज के जाल मे ऐसा फंसा कि उसकी जिंदगी ही उलझ कर रह गयी। दरअसल उस्मान शहर कोतवाली के तेली पाड़ा का रहने वाला है। पत्नी और पांच बच्चों के भविष्य की खातिर वो फरीदाबाद में सब्जी की ठेल लगाता है और उसी कमाई से परिवार की गुजर बसर करता है। पीड़ित उस्मान मलिक आठ माह पूर्व जब एटा आया था, तब उसकी मुलाकात भगीपुर में लेखपाल अवनेन्द्र वर्मा से हुयी। पीड़ित का आरोप है कि लेखपाल ने भगीपुर के मजरे में आबादी का प्लाट बताकर पट्टा उसके नाम करने के नाम पर उसके साथ जालसाजी की और उससेर डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए। लेखपाल ने उससे वोटर आईडी कार्ड, पैनकार्ड आदि मांगे और खाली प्लॉट दिखाकर पट्टा उसके नाम करने का लालच दिया। बदले में उससे डेढ़ लाख रुपए मांगे।