कई पुस्तकें लिखीं
एटा जिले की जलेसर तहसील के नगला झड़ू (पांडव नगर)के मूल निवासी डॉक्टर राम सिंह ने एक शिक्षक के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। साथ साथ साहित्य साधना में भी लगे रहे। उन्होंने दिव्यात्मा, जाहरपीर, रिटायरमेंट के बाद सुखी जीवन, श्याम तेरी वंशी बजे धीरे धीरे, ताज महल(हिंदी अंग्रेजी) चंद्र शेखर आजाद, मुलायम सिंह की बायोग्राफी, अमीर खुसरो हिंदवी, ब्रज के लोक गीतों का विश्लेषण, नहीं कठिन है डगर पनघट की समेत अनेक पुस्तकें लिखी हैं। इनकी लिखी पुस्तकें वर्तमान में एटा में चल रहे तीन दिवसीय पुस्तक मेले में पाठकों के बीच काफी लोक प्रिय हो रही है। दो दिन पूर्व ही डॉ राम सिंह ने ही एटा जीआईसी मैदान में चल रहे पुस्तक मेले का उद्घाटन किया था।
परिवार में शोक की लहर
डॉक्टर राम सिंह यादव के चार बेटे हैं। सबसे बड़े मेजर संजय यादव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इलाहाबाद में सदस्य हैं। दूसरे नंबर के अजय चौधरी आईपीएस दिल्ली पुलिस में जॉइंट कमिश्नर है। तीसरे नंबर के अंशुमान यादव आईपीएम मध्य प्रदेश पुलिस के रीवा में आईजी के पद पर हैं। चौथे नंबर के सबसे छोटे डॉ समीर कृष्ण लेक्चरर हैं। उनके निधन से परिवार में शोक की लहर है। साहित्य जगत को भी गहरा आघात लगा है।
यश भारती से सम्मानित
डॉ राम सिंह अभी भी साहित्य सेवा में लगे थे और कई पुस्तकों पर काम कर रहे थे। डॉ राम सिंह को उनकी साहित्य सेवा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने यश भारती सम्मान से नवाजा था। वे प्रदेश सरकार में उत्तर प्रदेश खनिज विकास निगम के डायरेक्टर भी रहे। वर्तमान में वे ब्रज संवर्धन विकास बोर्ड के सदश्य भी थे। वे अमीर खुसरो संस्थान दिल्ली के अध्यक्ष भी थे। ये संस्था सूफी गीत संगीत के प्रचार प्रसार के लिए पूरी दुनिया मे काम करती है। डॉ राम सिंह के निधन से देश के साहित्य जगत की अपूर्णनीय छति हुई है। जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।