यह पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई बन गए- संतोष सिवन
सिवन को सम्मानित किए जाने से पहले, फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने वेलकम स्पीच में बताया कि कैसे यह फिल्म महोत्सव भारत के लिए बेहद खास है।पुरस्कार प्राप्त करने पर सिवन ने कहा, “यह मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन है। इस पुरस्कार को पाने के लिए कान फिल्म फेस्टिवल से अच्छी कोई और जगह नहीं हो सकती।”
संस्कृति को मैंने बारीकी से जाना है: सिवन
सिवन ने अपने गृह राज्य केरल को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं केरल से हूं और यहां की संस्कृति को मैंने बारीकी से जाना है। मलयालम इंडस्ट्री से मैंने कुछ बातें सीखी, जिनके बिना सिनेमैटोग्राफी नहीं होती। वहां से मैं तमिल सिनेमा और हिंदी से हॉलीवुड में शिफ्ट हो गया। इस प्रोफेशन की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी कोई सीमा नहीं है।”मणिरत्नम की ‘दिल से से उनके करियर को अलग मोड़ मिला। इस फिल्म में प्रीति, मनीषा कोइराला और शाहरुख खान लीड रोल में थे।
राजकुमार संतोषी की अपकमिंग पीरियड ड्रामा ‘लाहौर 1947’ में प्रीति और सिवन एक बार फिर साथ काम करेंगे।