1990 में ममूटी ने फिल्मों में कदम रखा और मधु की निर्देशित फिल्म मौनम समदमम नाम की तमिल फिल्म से डेब्यू किया। इसके बाद ममूटी ने बलचंदर (अजगान), मणिरत्नम (थालापथी), फजिल की फिल्म (किलीपपेच केककावा), एन लिंगुस्वामी (आनंदम), आरके सेल्वमनी (मक्कल अच्ची), हेनरी (मारुमालार्की) और एथिरम पुथिरम समेत निदेशकों के लिए तमिल फिल्मों में अभिनय किया है। इन फिल्मों के साथ ही ममूटी ने बड़े पर्दे पर अपनी अलग जगह बना ली।
इसके बाद राजीव मेनन की फिल्म कंदुकोंडेन कंदुकोंडेन से तारीफ बंटोरी। । उन्होंने के विश्वनाथ की तेलुगू फिल्म स्वाथी किरणम (1992) में अनंत शर्मा की भूमिका निभाई। ममूटी अब तक 400 से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय से लोगों के दिलों में अलग मुकाम बना चुके हैं।
ममूटी अकेले ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने एक वर्ष में 35 फिल्में करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। ममूटी के जीवन से जुड़ी 5 कुछ रोचक बातें
1. ममूटी एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ वकील भी हैं
ममूटी को बेहतरीन अभिनय के लिए तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। चार राज्य पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में आठ फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा उन्हें फिल्मों में अपने योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।