फिल्म के बनने के शुरुआत में इसके लीड एक्टर गुरु दत्त थे, लेकिन साल 1964 में उनका निधन हो गया। जिस वजह से फिल्म के निर्माण कार्य पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई थी। इसके कुछ सालो बाद 1970 में लीड रोल में संजीव कुमार को लिया गया, मगर फिल्म के शूटिंग के दौरान निर्देशक के. आसिफ की तबीयत खराब रहने लगी और 1971 में उनका निधन हो गया।
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निर्देशक के.आसिफ की मौक रे बाद लगभग इस फिल्म के बंद होने की नौबत आ चुकी थी, लेकिन करीब 15 साल बाद के. आसिफ की पत्नी अख्तर आसिफ ने निर्माता-निर्देशक के. सी. बोकाडिया ने इस अधुरी फिल्म को पूरा करने का फैसला किया।
के. सी. बोकाडिया और फिल्म के सभी कलाकारों की मदद से कुछ ही महीनों में फिल्म की बाकी बची हुई शूटिंग पूरी की गई। फिर इसे 27 मई 1986 को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया। मगर फिल्म की रिलीज होने से पहले ही इस फिल्म के कुछ कलाकारों का भी निधन हो चुका था। सबसे ज्यादा दुखद बात तो यह थी कि इस फिल्म के लीड एक्टर संजीव कुमार की इस फिल्म के रिलीज के 1 साल पहले यानी की 1985 में निधन हो गया।
आपको बता दें, इस फिल्म का नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज है। इस फिल्म में संजीव कुमार और निम्मी के अलावा सिम्मी ग्रेवाल, प्राण, अमजद ख़ान, अचला सचदेव और ललिता पवार जैसे बेहतरीन कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई है। इस फिल्म के गाने खुमार बाराबंकवी ने लिखे थे और इन्हें मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, आशा भोसले, मुकेश, तलत महमूद, मन्ना डे और हेमत कुमार जैसे उम्माद गायकों ने अपनी आवाज दी थी।
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