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Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: समाजवादियों के गढ़ से किसान बेटे ने कसी कमर, दिग्गजों को गंभीर चुनौती देने को तैयार

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: कभी समाजवादियों का गढ़ रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक दिग्गजों के बीच इस बार एक लोकल ब्वाय योगिराज पटेल ने चुनौती पेश करने की तैयारी कर ली है। किसान, मजदूरों के हक व हुकूक की लड़ाई लड़ने वाला ये युवा अब विधानसभा में पहुंच कर गरीबों व मजलूमों की आवाज सड़क से सदन तक गुंजाने को तैयार है। स्थानीय लोगों का समर्थन ही युवा योगी का बल है।

Jan 23, 2022 / 02:06 pm

Ajay Chaturvedi

योगिराज सिंह पटेल

योगिराज सिंह पटेल

वाराणसी. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के सेवापुरी विकास खंड के एक साधाराण किसान परिवार में जन्मे किसानों, मजदूरों और कमजोर तबके की लड़ाई लड़ने वाले युवा योगिराज पटेल ने इस बार के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अपनों के समर्थन से दिग्गजों को गंभीर चुनौती पेश करने की ठानी है। योगिराज उस परंपरा को आगे बढ़ाने की सोच रखते हैं जो लोकबंधु राजनारायण ने कायम की। ऐसे में क्षेत्र के विकास व किसानों की समस्या को लेकर सड़क से विधानसभा तक आवाज बुलंद करने का दृढ निश्चय किया है। वो भी एक निर्दल प्रत्याशी के रूप में। योगिराज ये साबित करना चाहते हैं कि बड़े-बड़े दलों के मठाधीशों के सामने जनता के बीच का आदमी भी अपना वजूद बना सकता है।
बनारस में कवन है – योगीराज सिंह पटेल, जिनकी लड़ाका ही है पहचान

विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति का ककहरा सीखने वाले योगिराज के बारे में क्षेत्रीय जनता ने स्लोगन तैयार किया है, बनारस में कवन है – योगिराज योगिराज। वो योगिराज जो जन-जन की समस्याओं को लेकर आए दिन सड़क को गरम करते रहते हैं। योगिराज सिंह पटेल राजनीति का ककहरा भले छात्र राजनीति से सीखा लेकिन जैसे-जैसे बड़े हुए किसानों, मजदूरों, दलितों, गरीबों और मजलूमों, शोषितों-पीड़ितों की समस्याओं को उठाने लगे। इन सबकी गहरी समझ रखते हैं वो। केवल समझ ही नहीं रखते हैं बल्कि उनके हक व हकूक, मान-सम्मान के लिए निरंतर आंदोलनरत रहते हैं। वर्तमान सियासी दांव-पेंच से भले दूर हों पर अपनी और अपनों की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने में सिद्धहस्त हैं।
रेडलाइट एरिया की महिलाओं की आवाज भी उठाई

योगिराज किसानों, मज़दूरों और छात्रों के हित में तो संघर्षरत रहते ही हैं। लेकिन इससे पहले 2011 में उन्होंने रेड लाइट एरिया की महिलाओं के दर्द को भी समझा और उसके लिए समाजसेवी संस्था ‘गुड़िया’ से जुड़कर काफी दिनों तक काम किया। फिर समाज सेवा की मुख्य धारा से जुड़ कर किसानों, मज़दूरों, छात्रों के हित के लिए काम करने लगे। क्षेत्र के लोग उन्होंने उभरते किसान नेता के रूप में देखते हैं। वजह साफ है साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले योगिराज ने बचपन से ही किसानों के दर्द को बखूबी समझा और महसूस किया है।
गांव की पाठशाला से ग्रहण की प्राथमिक शिक्षा
योगिराज सिंह पटेल की प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी पाठशाला से हुई है। फिर श्री अम्बिका प्रसाद इंटर कॉलेज भैरव तालाब से दसवीं और महामना मालवीय इंटर कॉलेज बच्छाव से इंटरमीडिएट किया। फिर बीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से संबद्ध श्री बलदेव पीजी कॉलेज बड़गांव से उच्च शिक्षा हासिल की। योगीराज सिंह का संबंध कुर्मी जाति से है। इनका पेशा कृषि है और इनकी प्रसिद्धि किसान नेता के रूप में है। वर्तमान में ये ‘पूर्वांचल किसान यूनियन’ नाम का एक संगठन भी चलाते हैं, जिसके स्वयं अध्यक्ष भी हैं।
किसानों की आवाज बुलंद करते योगिराज सिंह पटेल
विद्यार्थी जीवन में रहे कुशल छात्रनेता, बदल दी थी छात्र राजनीति की दिशा

योगिराज सिंह पटेल का बचपन कठिन रहा। घर से 20 किमी दूर श्री बलदेव पीजी कालेज बड़गांव तक पैदल ही जाया करते रहे। लेकिन इसी बीच उनके नेतृत्व उफान मारने लगा और 2003-04 में उन्होंने छात्रसंघ चुनाव लड़ और विजयी भी हुए। छात्र राजनीति में कदम रख कर उन्होंने एक खास जाति-वर्ग के एकाधिकार ख़त्म किया। उसी समय से महाविद्यालय में वंचित वर्गों के युवाओं की छात्र राजनीति की शुरुआत हुई।
पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष भी रहे

किसानों के दमन और शोषण के खिलाफ बनारस के किसानों ने पंचायत कर योगीराज सिंह पटेल को 2015 में पूर्वांचल किसान यूनियन का अध्यक्ष बना दिया गया। उसके बाद किसानों के संघर्ष-शोषण को देखते हुए योगीराज ने किसानों के हित के लिए लड़ने का फैसला कर लिया और किसानों के संघर्षों को जीता भी। अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा वापस लिये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध के कारण भी योगीराज चर्चा में रहे। इन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा (नयी दिल्ली) के आह्वान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व तीनों कृषि कानून का विरोध अपने संगठन के बैनर तले किया। जब तक किसान दिल्ली में डटे रहे तब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी आगमन के दौरान श्री पटेल को होम अरेस्ट किया जाता रहा।
योगीराज सिंह की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास जानकारी

नाम : योगीराज सिंह पटेल
जन्मदिन : 11 जनवरी 1982
पिता का नाम : राजेश्वरी प्रसाद
माता का नाम : निर्मला देवी
जन्म स्थान : ग्राम-कटाई, वाराणसी (ननिहाल)
निवास स्थान : ग्राम – हरसोस, विकास खंड-आराजी लाईन, थाना-जंसा, तहसील-राजातालाब, विधानसभा-391 : सेवापुरी, ज़िला-वाराणसी, उत्तरप्रदेश,
उप नाम – योगी (आन्दोलनों के योगी)

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