राजस्थान
राजस्थान में भाजपा अगर सामान्य वर्ग का मुख्यमंत्री बनाती है तो फिर संतुलन साधने के लिए दलित और ओबीसी चेहरों को डिप्टी सीएम पद पर ताजपोशी कर सकती है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिस तरह से ओबीसी और एसटी वर्ग के चेहरों को आगे बढ़ाने के संकेत मिले हैं, उससे राजस्थान ही ऐसा स्टेट बचता है, जहां पार्टी अपने आधार वोटबैंक को साधने के लिए सामान्य वर्ग के चेहरे को आगे बढ़ा सकती है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान ओबीसी हैं। कांग्रेस के जातीय जनगणना को चुनावी मुद्दा बनाने के बाद भाजपा यहां ओबीसी चेहरे की जगह किसी दूसरे को लाने से परहेज कर सकती है। अब यह चेहरा शिवराज का होगा या कोई और, यह सोमवार को विधायक दल की बैठक में पता चलेगा। यहां कोर मतदाताओं को साधने के लिए सामान्य वर्ग का डिप्टी सीएम या गृहमंत्री बनाया जा सकता है।
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छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य हैं, जहां आदिवासी आबादी करीब 33 प्रतिशत है। जिस तरह से गुजरात के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आदिवासी इलाकों में भाजपा को सफलता मिली है, उससे पार्टी यहां किसी आदिवासी चेहरे को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की तरफ से सिटिंग सीएम भूपेश बघेल हैं तो भाजपा यहां ओबीसी चेहरा भी दे सकती है।