पहले तीन चरणों में छिटपुट हिंसा की घटना के बीच हुए मतदान के बाद चौथे चरण में व्यापक हिंसा देखने को मिली। चौथे चरण में कूचबिहार जिले के शीतलकूची विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 126 पर हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। इस घटना से सबक लेते हुए चुनाव आयोग ने अब पांचवें चरण के मतदान से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए केंद्रीय बलों की 853 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है।
बता दें कि 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की छह जिलों में विधानसभा की 45 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। पांचवें चरण में चौथे चरण की सुरक्षा व्यवस्था से भी अधिक चाक-चौबंद व्यवस्था की जाएगी। चौथे चरण में विधानसभा के 44 सीटों पर हुए मतदान के लिए चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों के 789 कंपनियों को तैनात किया था।
24 परगना जिले में सबसे अधिक कंपनियां होंगी तैनात
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि 853 कंपनियों में से 283 को केवल 24 परगना जिले में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा बसिरहाट पुलिस जिले में 107, बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय में 61, बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय में 46 और बारासात पुलिस जिले में 69 कंपनियों को तैनात किया जाएगा।
इन सबके अलावे चुनाव आयोग ने दार्जिलिंग में 68, जलपाईगुड़ी में 112, कालिम्पोंग में 21, नादिया जिले में 151, पूर्वी बर्दवान जिले में 155 और सिलीगुड़ी जिले में 53 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है।
इन 6 जिलों की 44 सीटों पर होगी वोटिंग
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, पांचवें चरण में उत्तर 24 परगना जिले के 16 निर्वाचन क्षेत्रों, नदिया जिले के 8 निर्वाचन क्षेत्रों, पूर्वी बर्दवान जिले के 8 निर्वाचन क्षेत्रों, जलपाईगुड़ी जिले के 7 निर्वाचन क्षेत्रों, दार्जिलिंग के 5 निर्वाचन क्षेत्रों और कालिम्पोंग जिले के 1 निर्वाचन क्षेत्र सहित छह जिलों में चुनाव होंगे।
राज्य में सीईओ कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “छह जिलों में 45 निर्वाचन क्षेत्रों में फैले 15789 बूथों पर चुनाव होंगे। आयोग ने प्रति बूथ लगभग 6 कर्मियों की तैनाती के साथ 853 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है।”
यह तैनाती अभी तक के चुनावों में सबसे अधिक होगी। इसका यही उद्देश्य है कि कूचबिहार जैसी घटना फिर से न हो, जहां हिंसा के दौरान कई लोगों की जान चली गई थी। बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम बाकी के अन्य तीन राज्य (तमिलनाडु, केरल और असम) और एक केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी की विधानसभा के चुनाव नतीजों के साथ ही 2 मई को घोषित किए जाएंगे।