हरीश रावत हारे
उत्तराखंड में कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार और कद्दावर नेता हरीश रावत चुनाव हार गए हैं। लालकुंआ सीट से उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। यहां से वे 13,893 वोटों से हारे है।
हरीश रावत की बढ़ी आफत हरीश रावत लालकुआं से 9966 वोट से पीछे। भीमताल से भाजपा के राम सिह 1854 वोट से आगे। नैनीताल से भाजपा की सरिता आर्य 3982 वोट से आगे, वहीं, हल्द्वानी से भाजपा के जोगिंदर पाल सिंह रौतेला 4061 वोट से आगे। गंगोंत्री की बात करें तो बीजेपी के सुरेश चौहान 13235 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, यहां कांग्रेस के विजयपाल सजवान को 8385 मत हासिल हुए हैं।
खास बात यह है कि हरीश रावत जहां लालकुंआ सीट से पीछे चल रहे हैं, वहीं उनकी बेटी अनुपमा रावत भी हरिद्वार सीट से पीछे चल रही है।
रुझानों में बीजेपी को मिला बहुमत
उत्तराखंड में चुनाव को मतगणना जारी है। वहीं चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक उत्तराखंड की सभी सीटों पर रुझान आ गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक इन रुझानों में बीजेपी 44 सीटों पर आगे चल रही है। यानी प्रचंड बहुत हासिल कर लिया है। हालांकि ये रुझान है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस 22 सीटों पर आगे चल रही है। बीजेपी को 44 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। यानी एक बार फिर प्रदेश में बीजेपी का जादू चलता दिख रहा है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। वहीं रुझानों की बात करें तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। 70 सीट में से बीजेपी को 42 सीट पर बढ़त हासिल हो गई है, हालांकि पिछली बार के मुकाबले 15 सीटों का नुकसान दिख रहा है। वहीं कांग्रेस 12 सीटों के फायदे के साथ 23 सीटों पर आगे है, लेकिन बहुमत के आंकड़े 36 से काफी दूर है।
अब तक आए रुझानों में तीन दल बीजेपी, कांग्रेस और आप के सीएम उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं। खटीमा से पुष्कर सिंह धामी, लालकुंआ हरीश रावत पीछे चल रहे हैं।
लालकुंआ सीट की बात करें तो यहां हरीश रावत पीछे चल रहे हैं, वहीं आप भी पीछे जबकि बीजेपी उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। वहीं खटीमा सीट से सीएम पुष्कर धामी भी पीछे चल रहे हैं।
उत्तराखंड (Uttarakhand) विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना (Voting) शुरू हो चुकी है। प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर रुझाना आना भी शुरू हो गए हैं। शुरुआती रुझानों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के लिए यहां से अच्छी खबर नहीं है। बीजेपी पिछड़ती नजर आ रही है, जबकि कांग्रेस को फायदा होता दिख रहा है। फिलहाल 15 सीटों को लेकर रुझान सामने आए हैं, जिनमें कांग्रेस 6 सीटों का फायदा दिख रहा है जबकि बीजेपी को 7 सीटों का नुकसान दिखाई दे रहा है।
आम आदमी पार्टी ( AAP ) ने कर्नल (रिटा) अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। कर्नल (रिटा) अजय कोठियाल ने गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ा। मतदान के बाद आए एग्जिट पोल (Exit Polls) में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में अच्छी टक्कर देखने को मिल रही है। कई एग्जिट पोल ने बीजेपी की सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी की है।
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कितने फीसदी हुआ मतदान
उत्तराखंड में इस बार 65.10 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2017 के विधानसभा चुनावों (65.56) से थोड़ा ही कम रहा।
निर्वाचन आयोग ने 8 जनवरी को चुनावों का ऐलान किया था। उसके 14 फरवरी को मतदान हुआ, जिसमें हरिद्वार में सबसे ज्यादा 67.58 फीसदी मतदान हुआ।
वहीं नामांकन की बात करें तो पूरे प्रदेश में 750 प्रत्याशियों ने नामांकन किया, जिसमें देहरादून में सबसे ज्यादा प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया।
देहरादून जिले की 10 सीटों में कुल 144 लोगों ने नामांकन दाखिल किया। इसी तरह हरिद्वार जिले की 11 सीटों पर 131, उधमसिंह नगर की 9 सीटों पर कुल 89 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया।
वहीं सबसे कम नामांकन चंपावत जिले में देखने को मिला यहां 3 विधानसभा सीटों को मिलाकर कुल 16 ही प्रत्याशी मैदान में खड़े हैं।
चुनाव नतीजों से पहले बीजेपी-कांग्रेस की तैयारी
उत्तराखंड में आए एग्जिट पोल के मुताबिक उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। लिहाजा दोनों ही दलों ने नतीजों से पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। विधायकों की खरीद-फरोख्त ना हो इसके लिए बीजेपी जहां प्रहलाद जोशी और कैलाश विजयवर्गीय को उत्तराखंड भेज दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी बैकअप प्लान तैयार कर लिया है। कांग्रेस ने भी यहां अपने दिग्गज नेताओं खास तौर पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को भेज दिया है। ताकि नए एमएलए को टूटने से बचाया जा सके।