scriptUP Assembly Elections 2022: यूपी चुनाव में कांग्रेस ‘गॉन केस’, दो अंकों में आ पाना भी मुश्किल: एसपी सिंह बघेल | UP Elections Union Minister SP Singh Baghel targeted SP and congress | Patrika News
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UP Assembly Elections 2022: यूपी चुनाव में कांग्रेस ‘गॉन केस’, दो अंकों में आ पाना भी मुश्किल: एसपी सिंह बघेल

UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर सत्ता पर कब्जा जमाया, उस दौरान बीजेपी ने 312 सीटें, समाजवादी पार्टी 47 सीटें और बसपा को 19 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस को सिर्फ सात सीटों से संतोष करना पड़ा था।

Dec 21, 2021 / 03:50 pm

Nitish Pandey

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UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में रोज चुनावी सभाएं के साथ आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी जारी है। ऐसे में यूपी चुनाव से पहले केंद्रीय कानून व न्याय राज्य मंत्री एवं आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति और अखिलेश यादव की रैली में भीड़ को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस का यूपी में ‘गॉन केस’ है। उनके लिए दो अंकों में आ पाना भी मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का ‘गॉन केस’- बघेल

उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी लगातार जनसभाएं कर कांग्रेस को फिर से मजबूत करने में जुटी हुईं हैं। इस पर केंद्रीय कानून व न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का ‘गॉन केस’ है। मुझे नहीं लगता कि यूपी में कांग्रेस दो अंकों में भी आ पाएगी। राहुल गांधी अमेठी जैसी परम्परागत सीटें जो कई वर्षों से वह नहीं हारे, वो हार गए। प्रियंका गांधी जब भी दिल्ली से उड़ती थी तो फुर्सतगंज हवाई अड्डे पर ही उतरती थी। वह हमेशा अपनी भाई और मां की सीटों पर जाती थीं, वहीं राहुल के केरल में जाकर चुनाव लड़ने का मतलब भी यही था कि वह समझ गए थे और कि अब अमेठी में खतरा है।
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अखिलेश पर कसा तंज

उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सभाओं में भीड़ उमड़ने पर भी तंज कसते हुए कहा कि भीड़ को वोट में बदलना अलग बात होती है। उनके 15-20 जिलों के समर्थक-प्रशंसक अखिलेश के साथ उनकी रैली में पहुंच रहे हैं। हर विधानसभा पर 15-20 लोग टिकट मांगते हैं तो जितने भी लोगों को टिकट चाहिए, उनको शक्ति-प्रदर्शन करने का यह अच्छा मौका होता है। उन्होंने आगे कहा कि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी खूब भीड़ हुई, लेकिन घर की भी दो-तीन सीटों को खोना पड़ा था।
यूपी में अखिलेश यादव छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन पर कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव में सबसे मजबूत गठबंधन उत्तरप्रदेश की दो बड़ी पार्टियां सपा बसपा और लोकदल में हुआ। इसके बावजूद राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया रहे अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी को अपनी सीटें गवानी पड़ी।
इसके अलावा, फिरोजाबाद में अक्षय यादव, बंदायू की धर्मेंद्र यादव की परंपरागत सीटें को भी गवानी पड़ी थी। यह वो सीटें थी कि जबसे पार्टी बनी तब से जीत रहे थे, इसलिए हम गठबंधन को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, अखिलेश यादव ऐसा करने से मनोवैज्ञानिक दबाब बनाने की कोशिश कर रहें हैं, लेकिन यदि उनके पास ओम प्रकाश राजभर है तो हमारे पास भी केबिनेट मंत्री अनिल राजभर है। उनके पास अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल है तो अनुप्रिया पटेल और संतोष गंगवार जैसे बड़े नेता हमारे यहां हैं।

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