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टिकट मिलने के बाद भी अगर यह काम नहीं किया तो उम्मीदवार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, जानें क्या वजह है ?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। और पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई। चुनाव आयोग ने विधान सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चाहे वो मुख्यमंत्री हो या मंत्री, विधायक, विधान परिषद सदस्य सभी को राज्य सम्पत्ति विभाग से नोड्यूज सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है।

Jan 18, 2022 / 12:21 pm

Sanjay Kumar Srivastava

टिकट मिलने के बाद भी अगर यह काम नहीं किया तो उम्मीदवार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, जानें क्या वजह है ?

टिकट मिलने के बाद भी अगर यह काम नहीं किया तो उम्मीदवार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, जानें क्या वजह है ?

चुनाव आयोग का यह नियम किसी भी उम्मीदवार का पर्चा खारिज कर सकता है। जी, यह जानकर आपको आश्चर्य होगा। इस नियम का पालन करे बिना उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। और पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई। चुनाव आयोग ने विधान सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चाहे वो मुख्यमंत्री हो या मंत्री, विधायक, विधान परिषद सदस्य सभी को राज्य सम्पत्ति विभाग से नोड्यूज सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है। इस सर्टिफिकेट को न लगाने पर मंत्री/विधायक जी का पर्चा निर्वाचन आयोग खारिज़ कर सकता है।
नोड्यूज सर्टिफिकेट जरूरी

मंत्री जी, सावधान.. अगर आप विधायकी का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। तो आप सचेत हो जाइए अगर आपके पास राज्य सम्पत्ति विभाग उत्तर प्रदेश शासन से आदेयता प्रमाण (नोड्यूज सर्टिफिकेट) पत्र नहीं है तो आपका नामांकन पत्र खारिज़ हो सकता है।
माननीयों की नींद उड़ी हुई है

ऐसी दशा में उत्तर प्रदेश के सभी माननीयों की नींद उड़ी हुई है। एक तरफ वो आपने आकाओं के दफ्तर में टिकट पाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रह हैं तो दूसरी तरफ राज्य सम्पत्ति विभाग के अतिथिगृहों और विधायक निवासों का वर्षों से बकाया धनराशि चुका कर नोड्यूज सर्टिफिकेट पाने के लिए अपनी एड़ी घिस रहे हैं।
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राज्य सम्पत्ति विभाग पर बढ़ा बोझ

चुनाव घोषित होने के बाद राज्य सम्पत्ति विभाग के कर्मचारियों पर भी अचानक से काम का बोझ बढ़ गया। विभाग के लखनऊ स्थित विधायक निवासों, अतिथि गृहों के अलावा मुंबई, कोलकाता, दिल्ली के उत्तर प्रदेश भवन और सदन के कर्मचारी भी आजकल विधायकों और मंत्रियों के बकाये धनराशि का रजिस्टर खंगाल रहे हैं। इस काम में सुबह से रात दस दस बजे तक दफ्तर खोले जा रहे हैं। उधर, मंत्री विधायक और उनके गुर्गे भी दौड़भाग करके अपनी बकाया धनराशि जमा कर रहे हैं।
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बहुत सारे बकायेदार, जमा करा रहे है पैसा

गौरतलब है कि विगत वर्ष विधानपरिषद चुनाव में शिक्षक दल के नेता स्वर्गीय ओमप्रकाश शर्मा जी को 85 लाख रुपए जमा करने के बाद ही नोड्यूज सर्टिफिकेट पा सके थे। और तभी चुनाव भी लड़ पाए थे। दुर्भाग्य से चुनाव के पश्चात उनका हार्टअटैक से निधन हो गया था। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के निर्भय सिंह पटेल को 15 लाख रुपए बकाया जमा करने पर ही राज्य सम्पत्ति विभाग से नोड्यूज सर्टिफिकेट मिला था और वो चुनाव लड़ सके थे। इसी तरह बहुत सारे बकायेदार माननीय आजकल अपना बकाया जमा कर रहे हैं।

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