लोनी सीट का इतिहास? गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। जिसके बाद साल 2012 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए थे। जिसमें बसपा के प्रत्याशी हाजी जाकिर अली चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी ने नंद किशोर गुर्जर को टिकट दिया था, जिसमें वो बसपा के प्रत्याशी जाकिर अली को करीब 40 हजार वोटों से हराया था। इसके अलावा तीसरे नंबर आरएलडी के प्रत्य़ाशी मदन में थे।
मुस्लिम बाहुल्य सीट है लोनी लोनी में करीब साढ़े चार लाख मतदाता हैं। इस सीट की गिनती मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीट में होती है। लोनी विधानसभा सीट पर गुर्जर, ब्राह्मण, त्यागी मतदाता निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा यहां दलित, वैश्य, गढ़वाली, पूर्वांचली मतदाता भी हैं।
आपराधिक छवि वाले प्रत्याशी लोनी में गाजियाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों पर 73 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है, इनमें से आपराधिक छवि वाले सबसे अधिक प्रत्याशी लोनी विधानसभा सीट में हैं। जिसकी वजह से पुलिस-प्रशासन की नजर विधानसभा क्षेत्र पर है। वहां धुर विरोधियों के चुनाव लड़ने के कारण राजनीतिक माहौल पहले से गर्म है, संवेदनशील लोनी विधानसभा चुनाव में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराना पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती है।
भाजपा प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा मुकदमा विधायक और लोनी से भाजपा के प्रत्याशी नंद किशोर गुर्जर हैं, जिनके खिलाफ पांच आपराधिक केस अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं। नंदकिशोर गुर्जर के अलावा लोनी से निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का एक-एक मामला और दर्ज किया गया है। इसके अलावा रालोद-सपा गठबंदन के प्रत्याशी मदन भैया पर दो मुकदमें दर्ज हैं।
बड़बोलापन की वजह से सुर्खियों में रहते हैं भाजपा प्रत्याशी नंद किशोर भाजपा से वर्तमान लोन विधायक और प्रत्याशी नंद किशोर गुर्जर अपने बड़बोलापन की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। कई बार विधायक ने सीएम योगी को अधिकारियों के खिलाफ भी पत्र लिख चुके हैं। इसके साथ ही मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के नाते यहां मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है, ऐसे में भाजपा प्रत्याशी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर लाभ उठा सकते हैं।
ये हैं लोनी के प्रमुख मुद्दे लोनी विधानसभा क्षेत्र में क्राइम ज्यादा होता है। जिससे लोगों में भय का माहौल व्याप्त रहता है। लोनी के कई इलाकों में लोग रात में जाने से डरते भी हैं। इसके साथ ही इंडस्ट्रीज का बंद होना भी बड़ा मुद्दा है।