2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसमें 50 हजार से अधिक मतों से जीतने वाली सीटों में अयोध्या विधानसभा ( Ayodhya assembly) सीट भी शामिल है। भारतीय जनता पार्टी के वेद प्रकाश गुप्ता ने भगवा लहराया था। इन्हें 107014वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज नारायण पांडेय को 56574वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे बसपा के मोहम्मद बजमी सिद्दीकी को 39554 वोट मिले।
अयोध्या (Ayodhya ) के विकास के लिए मोदी-योगी सरकार ने अरबों-खरबों की विकास योजनाएं शुरू की हैं। यहां मेडिकल कॉलेज, एयरपोर्ट से लेकर कई बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। नव्य अयोध्या बसाई जा रही है। बड़े घरानों के निवेश के लिए अयोध्या सबसे मुफीद जगह नजर आ रही है। जमीन खरीदी को लेकर उठे विवादों की योगी सरकार जांच भी करा रही है।
वर्ष 2022 के चुनाव में क्या
वैसे तो अयोध्या में साल के 365 दिन और 24घंटे राम नाम की गूंज रहती है। देश-दुनिया से राम भक्त यहां राम जन्मभूमि पर विराजमान राम लला के दर्शन के लिए आते हैं। जब से राम मंदिर निर्माण ( Shri Ram Janmabhoomi temple) तेज हुआ है, तब से अधिक चहलकदमी होने लगी है। इसी माहौल में विधानसभा चुनाव की गतिविधियां भी चल रही हैं। भारतीय जनता पार्टी इस सीट को हर हाल में अपने पास बनाए रखना चाहती है। इसलिए पूरी ताकत से चुनावी मुहिम में जुटी है। हाल ही में जन विश्वास यात्रा के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा हो चुकी है। आने वाले दिनों में कई और बड़े राजनेता अयोध्या का रुख करेंगे। वर्तमान परिवेश में यह मुश्किल नहीं लगता है। उधर समाजवादी पार्टी के तेज नारायण पांडेय टिकट की उम्मीद में जगह-जगह कार्यकर्ताओं से बैठकें व कार्यक्रम कर रहे हैं लेकिन वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा की जीत का अंतर लगभग 50 हजार था। ऐसे में Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में सपा के लिए यह अंतर दूर कर पाना पहाड़ चढऩे जैसा ही है। वैसे भी जिले की सभी सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है।