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उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चौथे चरण में कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी है बड़ा मुद्दा

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 fourth phase उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चौथे चरण के लिए बुधवार को मतदान सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। यूपी के नौ जिलों लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, फतेहपुर, पीलीभीत और बांदा के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। चौथे चरण के मतदान में कई मुद्दे मतदाता के सामने हैं। जैसे किसान आंदोलन की याद, गन्ने का रेट, आवारा पशु, कानून व्यवस्था, विकास और अपनी चौधराहट बचने को संघर्ष है।

Feb 23, 2022 / 10:12 am

Sanjay Kumar Srivastava

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चौथे चरण में कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी है बड़ा मुद्दा

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चौथे चरण में कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी है बड़ा मुद्दा

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चौथे चरण के लिए बुधवार को मतदान सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। यूपी के नौ जिलों लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, फतेहपुर, पीलीभीत और बांदा के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चौथे चरण में यूपी के रोहिलखंड, तराई क्षेत्र, अवध और बुंदेलखंड क्षेत्रों में मतदान हो रहा है। चुनाव 2017 में भाजपा को इन 59 सीटों में से 51 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। चौथे चरण के मतदान में कई मुद्दे मतदाता के सामने हैं। जैसे किसान आंदोलन की याद, गन्ने का रेट, आवारा पशु, कानून व्यवस्था, विकास और अपनी चौधराहट बचने को संघर्ष है।
नौ जिलों में मुद्दे कई

तराई क्षेत्र लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सीतापुर के मतदाताओं के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। इस क्षेत्र में गन्ना, गेहूं और धान की खेती होती है। किसान मतदाता यहां के केंद्र बिन्दु में हैं। हर पार्टी इन्हें साधने में लगी है। यहां के मतदाताओं के लिए गन्ने का रेट, किसान आंदोलन और कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। अगर बांदा की बात करें तो यहां पर आवारा पशु और विकास को लेकर मतदाता आवाज उठाते रहते हैं। उन्नाव में चमड़े उद्योग और उससे होने वाली परेशानियां और पानी एक बड़ी दिक्कत है। अब अगर बाकी चार जिलों हरदोई, फतेहपुर, रायबरेली और लखनऊ की बात करें तो इन जिलों में कानून व्यवस्था के साथ विकास की बात होती रहती है। कुल मिलाकर इन नौ जिलों में चौथे चरण के चुनाव में मुद्दे की बात करें तो विकास, कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी एक सामान्य मुद्दा है।
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भाजपा के लिए बड़ी चुनौतियां

चौथे चरण की वोटिंग में भाजपा के लिए कई बड़ी चुनौतियां हैं। लखीमपुर खीरी, किसान विरोध का केंद्र बिंदु बन गया है, खासकर 3 अक्टूबर की घटना के बाद जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एसयूवी द्वारा चार किसानों को कुचल दिया गया था। आशीष मिश्रा हाल ही में पिछले हफ्ते जेल से जमानत पर छूटे थे। इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा पर निशाना साध रहा है और मिश्रा की रिहाई को लेकर खूब हंगामा कर रहा है। पार्टी को तराई क्षेत्र में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है जहां भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुद्दों पर बोल रहे हैं। वह किसान बहुल निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत से सांसद हैं। सीतापुर में बीजेपी का मुकाबला बागी उम्मीदवारों से है।
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रायबरेली में कांग्रेस की परीक्षा

कांग्रेस के लिए इन चुनावों की सबसे बड़ी चुनौती रायबरेली है। कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनों बागी हो गए हैं और भाजपा में शामिल हो गए हैं। रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है और अगर पार्टी यहां विधानसभा सीटें जीतने में विफल रहती है तो उसे बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा।
लखनऊ की नौ सीटें हैं हॉट

इस चरण में राज्य की राजधानी लखनऊ में भी मतदान हो रहा है, जिसमें नौ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से आठ सीटें बीजेपी के पास हैं। इस चरण में एक और उत्सुकता से देखी जाने वाली सीट लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट है जहां प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी अभिषेक मिश्रा के खिलाफ खड़े हैं।
सुर्खियों में है उन्नाव विधानसभा सीट

उन्नाव इस चरण की सबसे चर्चित सीटों में से एक है जहां कांग्रेस ने भाजपा के मौजूदा विधायक के खिलाफ एक रेप पीड़िता की मां को मैदान में उतारा है।
चुनाव 2022 में बहुकोणीय मुकाबला

राज्य में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा)-राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का बहुकोणीय मुकाबला है।

चुनाव 2017 का रिजल्ट
चुनाव 2017 में भाजपा को इन 59 सीटों में से 51 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। एक सीट उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थी, चार सीटों पर सपा ने जीत हासिल की, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बसपा ने जीत हासिल की।

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