पाली जिले के रूपावास गांव के धनराजसिंह राजपुरोहित कहते हैं, हर साल मेहंदी का उत्पादन बढ़ रहा है। मांग भी साल-दर-साल बढ़ रही है। मेहंदी पहले से बेहतर स्थिति में हैं। बिचौलियों के कारण किसानों को मेहंदी के पूरे दाम नहीं मिल पा रहे हैं। बिचौलियों पर 200 बोरों से अधिक स्टॉक पर पाबंदी लगनी चाहिए। एक बोरा 35 से 40 किलो का होता है। मौजूदा समय में बिचौलिए 200 से 300 बोरे तक स्टॉक में रख रहे हैं। खाड़ी देशों में मेहंदी की खूब मांग है। सोजत एवं आसपास के क्षेत्र में बड़े व्यापारियों की मनमानी से छोटे व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा हैं। सोजत की मेहंदी के चलते सोजत एवं आसपास के करीब पचास किमी के दायरे में लोगों को रोजगार मिल रहा है। खासकर शादी-ब्याह एवं पर्व-त्यौहार के अवसर पर मेहंदी की मांग बढ़ जाती है। पहले केवल पाउडर के रूप में मेहंदी अधिक बिकती थी लेकिन पिछले करीब एक-डेढ़ दशक से पैकिंग मेहंदी की खपत अधिक होने लगी है।
राणावास निवासी अमरचन्द मालवीया लोहार कहते हैं, क्षेत्र में पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है। कई गांवों में सप्ताह में एक दिन पानी मिल रहा है। ऐसे में लोगों को टांकों में पानी का संग्रह करना पड़ रहा है। इलाके में पेयजल की समस्या अधिक होने के चलते महंगी दरों पर टैंकर से पानी मंगवाना पड़ता है। गर्मियों में अधिक परेशानी होती है। क्षेत्र में रोजगार की कमी है। ऐसे में छोटे व लघु उद्योग लगाए जाने चाहिए। मेहंदी, अगरबत्ती, साबुन, पापड़ आदि छोटे कुटीर उद्योग लगाकर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। परम्परागत पेशों में लगे लोगों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
करमावास पट्टा के सत्यनारायण वैष्णव कहते हैं, आजादी के इतने साल बाद भी कई गावों में रोडवेज की बस नहीं पहुंची है। ऐसे में ग्रामीणों को दूरस्थ स्थानों पर जाने में असुविधा हो रही है। गांवों तक रोडवेस बसों की सुविधा का विस्तार किया जाना चाहिए। कई गांवों में पेयजल के लिए खोदी लाइनों को दुरुस्त नहीं किया गया है। ऐसे में सड़कों की स्थिति खराब बनी हुई है।
मुसालिया रणिया बैरा निवासी सुरेश सीरवी कहते हैं, ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। शहरों में यातायात नियमों की पालना ही नहीं हो रही है। ऐसे में दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इलाके में सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है। इससे आवाजाही में बाधा पहुंचती है। सड़कों को दुरुस्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही लम्बी दूरी की ट्रेनों का ठहराव अधिक जगह किया जाना चाहिए। इससे प्रवासियों को अधिक सुविधा मिल सकेगी।
पाली जिले के राणी स्टेशन के रहने वाले घीसूलाल सोलंकी कहते हैं, रानी स्टेशन सरीखे छोटे कस्बों में बाजार विकसित किए जाने चाहिए। सुविधाओं में इजाफा किया जाएं। ताकि लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सकें। क्षेत्र में उद्योग भी विकसित किए जाएं। पहले पाली में कपड़े की इकाइयां बड़ी संख्या में थी। धीरे-धीरे कपड़ा उद्योग सिमटता जा रहा है। क्षेत्र में पानी की बड़ी समस्या है। इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाई जानी चाहिए।