बसपा प्रमुख मायावती और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की 3 मार्च की प्रस्तावित रैली पर राजभर बोले, बसपा भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए काम कर रही है। बलिया, मऊ, गाजीपुर, बनारस सहित कई जगहों के ऐेसे उदाहरण हमने देखा है। उन्होंने कहा कि बसपा पूरे यूपी में दहाई की संख्या पार कर जाए तो बड़ी उपलब्धि होगी। राजभर ने कहा जहां तक 3 मार्च को अखिलेश यादव और ममता बनर्जी की रैली का सवाल है तो अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के लोग रैली में आ रहे हैं। मायावती की रैली का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। कहा कि मायावती और बसपा के लोगों की बोली केवल मीडिया के सामने खुलती है। दलितों और पिछड़ों आरक्षण खत्म किया जा रहा है, इस पर इनकी जुबान नही खुल रही है। उन्होंने कहा कि देश का संविधान खतरे में है फिर भी जुबान नही खुल रही है। ये लोग तब भी भाजपा का समर्थन कर रहे है जब वो आरक्षण खत्म करने में जुटी है। कहा कि देख लीजिएगा इनकी हालत खराब है।
स्वामी प्रसाद मौर्या पर हुए हमले पर राजभर ने कहा कि हम उसकी निंदा करते हैं। ये भारतीय जनता पार्टी की हताशा और निराशा है। भारतीय जनता पार्टी अच्छे से जान गई है कि वह चुनाव नहीं जीत पाएगी। जनता उनको वोट देने को तैयार नहीं है ऐसे में वो लोग मारपीट उतारू हो गए हैं।
यूक्रेन में भारतीय छात्र की मौत पर ओपी राजभर ने कहा कि लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होती है। प्रधानमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी है कि जो लोग वहां फंसे हुए हैं उन्हें फौरन वहां से अपने देश वापस लाया जाए लेकिन हमारे प्रधानमंत्री हो या मंत्री हो या मुख्यमंत्री हो सभी खाली वोट के लिए दौड़ रहे हैं। आपने देखा कोरोना के समय गंगा जी मे लाशे तैर रही थी लोग ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे। दवाई के लिए तरस रहे थे। हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए तरस रहे थे, तब ये लोग बंगाल में वोट मांग रहे थे। इनको देश से मतलब नहीं, लोगों से मतलब नहीं, इन्हें सिर्फ वोट से मतलब है, चाहे जैसे वोट मिल जाए।