रीवा, सागर, ग्वालियर भी जा सकती हैं प्रियंका
जबलपुर के बाद प्रियंका गांधी का रीवा, बुंदेलखंड (सागर) और ग्वालियर का भी कार्यक्रम बनाया जा रहा है। सभी जगह धार्मिक आयोजन की रूपरेखा भी बनेगी। राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में उज्जैन-इंदौर से गुजरे थे।
आदिवासी मतदाता हैं कांग्रेस के निशाने पर
अगर राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो जबलपुर राज्य के महाकोशल क्षेत्र का केंद्र है। यहां आदिवासी मतदाताओं संख्या बहुत ज्यादा है। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने आठ जिलों के इस संभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से 11 पर जीत हासिल की बाकी शेष दो सीटों पर भाजपा भगवा का परचम लहराया था।
मध्य प्रदेश छह क्षेत्रों में है बांटा
मध्य प्रदेश भौगोलिक रूप से छह क्षेत्रों… महाकोशल, ग्वालियर-चंबल, मध्य भारत, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड में विभाजित है। महाकोशल या जबलपुर संभाग में जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा जिले शामिल हैं और इसमें 38 विधानसभा सीटें हैं।
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने जीती 24 सीटें
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 24 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही थी। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी। यह भी पढ़ें – कमलनाथ का तंज, कहा – सौदेबाजी से बनी सरकार बोल रही है सौदेबाजी की भाषा
चुनाव 2013 में भाजपा ने 24 सीटें जीतीं
2013 के चुनावों में भाजपा ने 24 सीटें जीतीं और कांग्रेस को सिर्फ 13 सीटों पर जीत मिली थी। 2018 में महाकोशल में जीत के बाद कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में सक्षम बनी लेकिन, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद यह सरकार गिर गई। यह भी पढ़ें – मध्य प्रदेश में आजाद समाज पार्टी अपने दम पर लड़ेगी चुनाव : चंद्रशेखर