ममता बनर्जी की वह अपील जिस पर चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान, नोटिस भेजकर मांगा जवाब
दस नोटिस दो मेरा जवाब एक ही होगावहीं, चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बाद ममता बनर्जी गुरुवार की शाम आयोग के अधिकारियों पर हमलावर हो गईं। उन्होंने कहा, आयोग चाहे तो मुझे दस कारण बताओ नोटिस दे सकता है, मगर मेरा जवाब एक ही होगा और मैं अपना रुख नहीं बदलूंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी।
वहीं, दूसरा नोटिस उन्हें सीआरपीएफ पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद दिया गया है। इसमें उन्होंने बुधवार को आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर भाजपा की सीआरपीएफ राज्य के मतदाताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोक रही है और उनकी जान ले रही है। ममता ने यह बातें कूचबिहार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कही थी।
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ममता की टिप्पणी आपत्तिजनक थीचुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए नोटिस जारी किया और दस अप्रैल की सुबह 11 बजे तक जवाब देने को कहा है। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में ममता बनर्जी के 28 मार्च और 7 अप्रैल के भाषणों का हवाला भी दिया है। ममता को कूचबिहार में उनके भाषणों के लिए भेजे गए नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा कि सीआरपीएफ पर उनकी ओर से अत्यधिक आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी।