बता दें कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीट हैं, मगर वहां मौजूदा वक्त में निर्वतमान विधायकों की संख्या 282 है। इनमें 241 पुरूष विधायक हैं, जबकि शेष 41 महिला विधायक हैं। राज्य में 25 से 40 वर्ष तक की उम्र के 35 विधायक हैं। वहीं, 41 से 60 वर्ष तक की उम्र के 150 विधायक हैं, जबकि 61 से 80 वर्ष तक के विधायकों की संख्या 96 है। यही नहीं, राज्य में 80 वर्ष से अधिक उम्र का भी एक विधायक है।
अब आपको बताते हैं कि बंगाल में जो मौजूदा विधायक हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई कहां तक हुई है यानी उनकी शैक्षिक योग्यता कितनी है। राज्य में वैसे तो सभी विधायक शिक्षित हैं, मगर एक की पढ़ाई पांचवी तक है यानी वह एक तरह से प्राथमिक तौर पर ही शिक्षित हैं। वहीं, 92 विधायक ऐसे हैं, जिनकी पढ़ाई-लिखाई कक्षा आठ से कक्षा 12 के बीच हुई यानी उन्होंने मिडिल, हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के बाद बाद पढ़ाई नहीं की। राज्य में दो विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने डिप्लोमा किया हुआ है, जबकि ग्रेजुएट या इससे अधिक पढ़ाई करने वाले विधायकों की संख्या 187 है।
वैसे, राज्य में 93 विधायक भले ही ऐसे हों, जिनकी पढ़ाई-लिखाई इंटर से अधिक नहीं हुई हो, मगर यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि यहां प्रति विधायक औसत संपत्ति करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। जी हां, बंगाल में प्रति विधायक औसत संपत्ति एक करोड़ 49 लाख रुपए है। राज्य में 34 प्रतिशत विधायक ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति एक करोड़ रुपए से अधिक है यानी 34 प्रतिशत विधायक कम से कम करोड़पति तो हैं ही।
बंगाल में मौजूदा वक्त में जो विधायक हैं, उनमें 37 प्रतिशत ऐसे भी हैं, जिनके खिलाफ किसी न किसी मामले में केस दर्ज हैं। यानी राजनीतिक दलों की ओर से किया जाने वाला यह दावा कि वे स्वच्छ छवि के जनप्रतिनिधियों को ही टिकट देते हैं, खोखला साबित होता दिख रहा है।