पक्षालिका ने अपने हलफनामे में आगे कहा है कि उनके पास कुल 50,000 रुपए नकद हैं और उनके नाम और पति के नाम पर 21 बैंक खाते हैं, जिसमें नौ खाते उनके हैं, जबकि आठ राजा अरिदामन के पास हैं और चार परिवार के बैंक खाते हैं। पक्षालिका के नौ बैंक खातों में 1.39 करोड़ रुपए और राजा अरिदामन के आठ खातों में 68.51 लाख रुपए जमा हैं। परिवार के खातों में करीब 30 लाख रुपए है। 61 वर्षीय रानी पक्षालिका ने व्यापार, कृषि और निवेश से होने वाले लाभ को आय का साधन बताया है। उनके और उनके पति के पास 90 लाख रुपए के जेवर हैं।
पक्षालिका की कुल चल संपत्ति 2.23 करोड़ रुपए है, जबकि पति के पास 1.30 करोड़ रुपए की चल संपत्ति है। पक्षालिका के पास 5 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है और उनके पति के पास 31.17 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। परिवार के पास 18.27 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। दंपति के पास कुल 54.44 करोड़ रुपए की जमीन है।
भदावर शाही परिवार के राजा महेंद्र रिपुदमन सिंह ने 1952 में पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक बने। उस समय वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते थे। बाद में, वह जनता पार्टी में शामिल हो गए और 1980 तक बाह विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया।
दूसरी पीढ़ी ने 1989 में चुनावी मैदान में प्रवेश किया, जब उनके बेटे, राजा अरिदमन सिंह ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने 1991 का चुनाव जनता दल के टिकट पर लड़ा था। 1996 और 2002 में भाजपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2007 में, राजा अरिदमन सिंह को बसपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2012 का चुनाव जीता।