scriptAssam Assembly Elections 2021: बोड़ोलैंड में छिपी है ‘बहुमत’ की चाबी, कांग्रेस-बीजेपी दोनों लगा रहे जोर | Assam Assembly Elections 2021 The key to Majority is hidden in Bodoland BJP Congress both focusing | Patrika News
चुनाव

Assam Assembly Elections 2021: बोड़ोलैंड में छिपी है ‘बहुमत’ की चाबी, कांग्रेस-बीजेपी दोनों लगा रहे जोर

Assam Assembly Elections 2021 में ‘बोड़ोलैंड’ आसान बना सकता है सत्ता की राह

Apr 03, 2021 / 09:51 am

धीरज शर्मा

Assam Assembly Elections 2021

कोकराझार (पश्चिम) हबरूबाड़ी गांव में खुला बीपीएफ का दफ्तर

नई दिल्ली/सुरेश व्यास। असम विधानसभा चुनाव ( Assam Assembly Elections 2021 ) के दो चरणों का मतदान हो चुका है। जबकि तीसरे चरण के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंकना शुरू कर दी है। 6 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान भी हो जाएगा और फिर सबकी नजरें टिकी होंगी 2 मई को घोषित होने वाले परिणामों पर।
इस चुनाव में किस पार्टी की सरकार बनेगी, ये सवाल हर किसी की जुबान पर है, लेकिन राजनीतिक पंडित भी कुछ स्पष्ट कहने की स्थिति में नहीं है। माना यही जा रहा है कि असम में मैजिक नम्बर का ताला खोलने वाली चाबी ‘बोड़ोलैंड’ में छिपी है।
यह भी पढ़ेंः Assam Assembly Elections 2021 EVM बवाल पर अमित शाह का बयान, चुनाव आयोग से कही ये बात

यही वजह है कि बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन ही नहीं, बल्कि एआईयूडीएफ और बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट के साथ चुनावपूर्व गठबंधन करने वाली पार्टी भी बोड़ोलैंड पर ही नजरें गढ़ाए हुए हैं।

12 विधानसभा सीटें
बोड़ोलैंड में विधानसभा की कुल 12 सीटें हैं। ये सीटें पिछली बार बीटीएफ ने जीती थी और वह राज्य की निवर्तमान बीजेपी सरकार में तीसरे नम्बर की अहम पार्टी थी। इस बार बोड़ोलैंड टेरीटोरियल कौंसिल (बीटीसी) के गठन के बाद भाजपा-बीटीएफ में पड़ी दरार का असर इस बार विधानसभा चुनाव में भी नजर आया।
क्षेत्र की चार सीटों उदलगड़ी, मझबात, कलाईगांव व पनेरी में दूसरे चरण में वोट हो चुके हैं,जबकि तीसरे चरण में 6 अप्रेल को गोसाईगांव, कोकराझार पूर्व व पश्चिम, तामुलपुर, सिडली, बरमा चपागुन में मतदान होना है। इन आठ क्षेत्रों में भाजपा-कांग्रेस गठबंधनों ने पूरा जोर लगा रखा है।
असम में एनडीए के संयोजक व मौजूदा मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा पूरी कोशिश कर रहे हैं कि एनडीए को यहां ज्यादा से ज्यादा सीटे दिला सके।

ऐसे में वे खुद यहां प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। उनकी कोशिश है कि क्षेत्र में प्रभाव रखने नाले बांग्लाभाषी व राजवंशी मतदाताओं के अधिकाधिक मत हासिल किए जाएं।
एक तरफा नहीं होंगे नतीजे
गोसाईगांव में प्रोविजन स्टोर चलाने वाले नंदो चौधरी का कहना है कि बीपीएफ को क्षेत्र की सत्ता सम्भालने वाली यूपीपीएल से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। नतीजे पिछले चुनाव की तरह एक तरफा तो नहीं होंगे।
पूर्वांचल के वरिष्ठ पत्रकार गुलाम चिश्ती का कहना है कि बोड़ों वोटों का बंटवारा हो रहा है। बंग्लाभाषी व राजवंशी मत भी इधर उधर हो सकते हैं।

भाजपा इसका फायदा लेने की स्थिति में है, जबकि कांग्रेस महाजोत को अल्पसंख्यक मतों का बंटवारा नहीं होने का फायदा मिल सकता है। लेकिन बोड़ोलैंड से जिस गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलेगी, उसे बहुमत जुटाने में आसानी हो जाएगी।
यहां पिछली बार की तरह एकतरफा नतीजे किसी भी गठबंधन की गणित बिगाड़ सकते हैं।

ग्रामीण इलाकों में डीजे से प्रचार
वैसे तो कहीं चुनाव प्रचार का शोर शहरों में नजर नहीं आता, लेकिन बोड़ोलैंड के गांव खेड़े में ही दोनों ही दलों ने दफ्तर खोले हैं। साथ ही डीजे लगी लोडिंग टैक्सियों पर गीत-,संगीत के जरिए भी प्रचार किया जा रहा है।
यह भी पढ़ेँः Assam Assembly Elections 2021 बीजेपी प्रत्याशी की कार से मिले EVM पर बवाल, प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल

प्रत्याशी ने छोड़ दिया मैदान
बीजेपी गठबंधन बोडोलैंड में किस तरह साम दाम दंड भेद अपना रहा है, इस बात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि तामूलपुर से बीपीएफ का उम्मीदवार ही मैदान छोड़ भागा। यह प्रत्याशी पिछले सोमवार से गायब था और गुरुवार रात उन्होंने हेमेंद्र बिस्वा शर्मा से ‘मुलाकात’ के बाद न सिर्फ बीजेपी का दामन थाम लिया बल्कि चुनाव से रिटायर भी हो गए।
बीपीएफ ने रंगुजा खुंगूर बसुमतारी को पहली बार ही टिकट दिया था। उनके रिटायर हो जाने से बीजेपी सहयोगी UPPL को एक तरह खुला मैदान मिल गया है। कांग्रेस इसे गठबंधन तोड़ने की नापाक कोशिश बताते हुए मुद्दा बना रही है।

Hindi News / Elections / Assam Assembly Elections 2021: बोड़ोलैंड में छिपी है ‘बहुमत’ की चाबी, कांग्रेस-बीजेपी दोनों लगा रहे जोर

ट्रेंडिंग वीडियो