चुनावी बॉन्ड से भर रही राजनीतिक पार्टियों की तिजोरी
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल के दौरान राजनीति पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के जरिए कुल 9,188.35 करोड़ रुपए का दान मिला। एडीआर डेटा के मुताबिक, साल 2016-17 से 2021-22 के बीच सात राष्ट्रीय दलों और 24 क्षेत्रीय दलों की झोली में इतना पैसा आया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017-18 और 2021-22 के बीच 743 फीसदी की उछाल आई है।
बीजेपी के खाते में आया 57 फीसदी
चुनाव आयोग को राजनीतिक पार्टियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीते पांच सालों (2017-2018 और 2021-2022 तक) में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतक दलों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया, इसमें से आधे से ज्यादा राशि 5,271.97 करोड़ रुपए बीजेपी को मिली। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 952.29 करोड़ मिले।
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स्थानीय पार्टियों को भी हुई अच्छी फंडिंग
रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 767.88, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को 622 करोड़ और तमिनलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की द्रविड मुनेत्र काषगम को 431.50 करोड़ का चंदा मिला। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 48.83 करोड़ मिले और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को 24.40 करोड़ और शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को 51.5 करोड़ रुपए की फंडिंग हुई।
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बीते साल किसी पार्टी को मिला कितना चंदा
चुनावी संबंधी डेटा एनालिसिस करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में आठ राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय 3289.34 करोड़ रुपए थी। इस समय अवधि के दौरान बीजेपी की सबसे ज्यादा आय 1917.12 करोड़ रुपए थी। बीजेपी के बाद तृणमूल कांग्रेस की 545.745 करोड़, कांग्रेस की 541.275 करोड़, सीपीआईएम की 162.23 करोड़, एनसीपी की 75.84 करोड़, बीएसपी की 43.77 करोड़, सीपीआई की 2.87 करोड़ और एनपीईपी की कुल आय 0.472 करोड़ रुपए थी।